आज हम आपको “आईपीसी की धारा 120b IPC in Hindi” के बारे में बताने जा रहे हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 120B किन अपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धारा होती है और 120 B के अंतर्गत आईपीसी में धारा 120बी क्या है, धारा 120 कब लगती है, अपराधिक षड्यंत्र के लिए किन दंड के प्रावधानों को बताया गया है और धारा 120 B के अंतर्गत अपराधिक षड्यंत्र को किस तरह परिभाषित किया गया है इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे इसके अलावा सजा का प्रावधान क्या है और जमानत भी मिल सकती है या नहीं मिल सकती इन सभी का वर्णन इस लेख में देने जा रहे हैं…
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धारा 120A क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 120A के अंतर्गत अपराधिक षड्यंत्र को परिभाषित किया है। इस धारा के अंदर
दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी भी अपराध को या कोई अवैध कार्य करते हैं या किसी से करवाने की सहमति रखते हैं अथवा जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अवैध संसाधनों के माध्यम से किसी भी वैध कार्यों को करते हैं या करवाने की सहमति रखते हैं तो ऐसी सहमति अपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत कहलाई जाती है।
किसी अपराध को करने की सहमति के अतिरिक्त कोई सहमति तब तक अपराधिक षड्यंत्र नहीं मानी जाएगी। जब तक की सहमति के अलावा कोई कार्य उसके अनुसरण में उस सहमति के एक या एक से अधिक पक्षकारों के द्वारा नहीं किया गया हो। कहने का तात्पर्य है कि धारा 120A के अंतर्गत अपराध सहमति पर आधारित होता है। इसमें कम से कम 2 व्यक्तियों का होना जरूरी है।
धारा 120b क्या है
आईपीसी की धारा 120b के अंतर्गत अपराधिक षड्यंत्र के लिए दंड के प्रावधान का वर्णन किया गया है। साधारण शब्दों में अगर बताए तो किसी भी व्यक्ति के द्वारा जैसे कोई आजीवन कारावास या 2 साल का कारावास या जो कोई मृत्यु या उससे अधिक कारावास या कोई कठिन कारावास से दंडित अपराध करने के अगर अपराधिक षड्यंत्र में शामिल होगा। ऐसे षड्यंत्र के लिए संहिता में कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है तो उसी तरह से उसको दंडित किया जाएगा जैसे उसने ऐसे अपराध को किया है।
किसी अपराधिक षड्यंत्र के लिए इस बात को नजरों में लाए बिना इस अनुसरण में कोई अपराध नहीं किया गया या फिर किया गया है तो इस तरह के अपराध को अपराधी माना जाता है इसीलिए अपराधिक षड्यंत्र के लिए व्यक्ति को अलग से दंडित नहीं किया जा सकता है या फिर आरोपित भी नहीं किया जा सकता है यदि इसके अनुसरण का कोई अपराध इस तरह से करता है। तो षड्यंत्र कार्यों के विरुद्ध दोनों आरोप लगाए जाएंगे और अपराधिक षड्यंत्र का भी वह उस अपराध का भी जो उन्होंने इस कार्य को किया है अभी निर्धारित किया है चाहे अभियुक्त गण के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र का आरोप साबित भी ना हो तब भी उस अपराध के लिए वह दोषी होंगे।
धारा 120 कब लगती है?
आपके लिए और भी आसान शब्दों में IPC की धारा 120 बी के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए एक साथ कई लोगों के साथ में रखी हुई साजिश अर्थात कॉमन कॉन्सपिरेसी का मामला अपराध की श्रेणी में माना जाता है इस तरह के मामलों के लिए भारतीय दंड संहिता अर्थात आईपीसी की धारा 120 और 120 बी के अंतर्गत सजा का प्रावधान बताया गया है इस मामले में आरोपियों की संख्या 1 से अधिक की भी हो सकती है तो इसमें पुलिस की एफ आई आर मैं मुख्य रूप से धारा 120 का जिक्र जरूर होता है अर्थात 120 उसमें जरूर दर्ज की जाती है और यह जरूरी नहीं होता कि आरोपी इसमें सभी अपराध का षड्यंत्र या अपराध को अंजाम खुद दे किसी की साजिश में शामिल होना भी एक गुनाह की श्रेणी में आता है कानून की निगाह में वह गुनाह माना जाता है।
120b IPC Punishment
(1) जो कोई मृत्यु, आजीवन कारावास या दो वर्ष या उससे अधिक अवधि के कठिन कारावास से दण्डनीय अपराध करने के आपराधिक षड़यंत्र में शरीक होगा, यदि ऐसे षड़यंत्र के दण्ड के लिए इस संहिता में कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तो वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने ऐसे अपराध का दुष्प्रेरण किया था।
(2) जो कोई पूर्वोक्त रूप से दण्डनीय अपराध को करने के आपराधिक षड़यंत्र से भिन्न किसी आपराधिक षड़यंत्र में शरीक होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से अधिक की नहीं होगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
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120b IPC Bailable or not
आईपीसी की धारा 120 जिसको 120a के अंतर्गत परिभाषित किया गया है और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी मैं इसके दंड के बारे में भी बताया गया है किसी भी आपराधिक षड्यंत्र में अपराधी को न्यायालय के अनुसार संज्ञा और जमानत उस अपराधी के कार्य के अनुसार उस को दंड दिया जाता है तो उसी के अनुसार उसकी अदालत की कार्रवाई भी की जाती है उसके अपराध के अनुसार सजा निश्चित होती है और जमानत भी अपराध के अनुसार ही दी जाती है।
निष्कर्ष
आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को “120b IPC in Hindi- धारा 120b क्या है, धारा 120 कब लगती है के विषय“ में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी इंफॉर्मेशन भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के बारे में बताइए जरूर पसंद आएगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं और इस लेख से संबंधित किसी भी सुझाव के लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर एक बार कमेंट करके जरूर पूछ भी सकते हैं।