आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको “IPC 325 in Hindi” आईपीसी 325 इन हिंदी के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। अगर आप भी भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख को आपको पढ़ना होगा तभी सही जानकारी प्राप्त होगी आइए जानते हैं…
IPC 325 in hindi – आजकल बहुत से लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई झगड़ा मारपीट पर उतर आते हैं इस स्थिति में किसी न किसी को गंभीर चोट आ जाती है। लड़ाई झगड़े की वजह से व्यक्ति खुद का नुकसान कर बैठता है। छोटी सी बात को लेकर कहासुनी होना भी एक तरह से अपराध को जन्म दे देता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के अंतर्गत इस तरह के अपराध को शामिल किया गया है। आज हम आपको आईपीसी सेक्शन की इस महत्वपूर्ण धारा के बारे में बताने जा रहे हैं जो भविष्य में आपके लिए बहुत ही लाभदायक रहने वाली है। ताकि इस तरह के अपराध को करने से बचें। क्योंकि किसी भी तरह की लड़ाई झगड़ा होने पर कोई भी व्यक्ति आईपीसी की धारा के अंतर्गत आप पर मुकदमा दर्ज कर सकता है। इसीलिए हम इस लेख के माध्यम से आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी बताने वाले हैं। इस धारा के अंतर्गत किस अपराध को शामिल किया गया है? आईपीसी सेक्शन 325 में सजा व जुर्माना क्या लगाया जाता है? और इस धारा से जुड़ी हुई सभी महत्वपूर्ण जानकारी आप सभी के साथ शेयर करने वाले हैं आइए जानते हैं…
Contents
325 IPC in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ में बेवजह गंभीर चोट पहुंचाता है, उस स्थिति में उस अपराधी व्यक्ति पर आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत केस दर्ज किया जा सकता है। इससे आरोपी व्यक्ति को 7 साल का कारावास और आर्थिक दंड या फिर दोनों से भी दंडित किया जा सकता है। क्योंकि यह एक संघेय अपराध है। इस अपराध में आरोपी को जमानत आसानी से मिल जाती हैं।
जिस व्यक्ति के साथ में हाथापाई मारपीट हुई है उस व्यक्ति के द्वारा अपराधी से यह समझौता करने योग्य है और मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारणीय भी रहेगा क्योंकि बाद में किसी भी नोकझोंक से बचने के लिए फिर से लड़ाई ना होने की संभावना से बचने के लिए अदालत भी सोच विचार करके निर्णय देती है। ताकि भविष्य में किसी पीड़ित पर इस तरह की मारपीट ना हो
Dhara 325 kya hai?
आईपीसी सेक्शन 325 के अनुसार
खुद की इच्छा घोर उपहति करने के लिए दंड उस दशा के सिवाय जिसके लिए धारा 335 में उपबंध है जो कोई अपनी इच्छा से कहो रूप होती करता है वह किसी भी तरह के कारावास जिसकी समय सीमा 7 साल तक की हो सकेगी उसको दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी वह दंड का अधिकारी रहेगा
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 का सही शब्दों में अर्थ यह होता है कि कोई भी व्यक्ति मान लीजिए आपस में छोटी सी बात पर लड़ाई झगड़ा मारपीट करते हैं उसी स्थिति में किसी एक व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंच जाती है। यहां पर आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत वह व्यक्ति अपराधी होगा और उस पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। यहां साधारण मारपीट करने से “गंभीर चोट” का तात्पर्य भारतीय दंड संहिता में बताया गया है कि साधारण मारपीट या झगड़े के दौरान दांत तोड़ देना, हड्डी फैक्चर हो जाना, अंग भंग होना इन सब को गंभीर चोट में शामिल किया गया है। इस तरह के अपराध के लिए ही आईपीसी सेक्शन 325 को लगाया जाता है। इसके अलावा आरोपी का आरोप साबित हो जाता है तो उसको कठोर कारावास जिसकी समय सीमा 7 साल तक की निश्चित की गई है और जुर्माना देने का भी प्रावधान बताया गया है। दोनों पक्षों के द्वारा यह अपराध समझौता करने योग्य होता है।
325 IPC Punishment
आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी अन्य के साथ में लड़ते हैं, झगड़ते है,मारपीट करते हैं उसी स्थिति में किसी भी पक्ष को गंभीर चोट आती है उस व्यक्ति पर आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होगा। जिस पक्ष को गंभीर चोट आई है उसके बाद मेडिकल जांच करने के बाद में इस धारा को लगाया जाएगा। वास्तव में अगर वह व्यक्ति दोषी पाया गया तो उस व्यक्ति को 7 साल की अवधि के लिए कारावास की सजा इसके अलावा जुर्माना भी भरना होगा। यह एक जमानती है और संघीय अपराध है किसी भी अदालत में मजिस्ट्रेट के द्वारा यह विचारणीय रहेगा।
आईपीसी 325 में जमानत कैसे होगी
आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत किया गया अपराध एक जमानती अपराध और संघेय अपराध की श्रेणी में माना जाता है। आरोपी व्यक्ति को इस अपराध में पुलिस गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश कर सकती है। आरोपी व्यक्ति किसी पेशेवर वकील की मदद से आसानी से जमानत ले सकता है। इस तरह के केस के लिए किसी भी अपराधी को वकील की आवश्यकता पड़ती है। अपराधी की गिरफ्तारी होने के बाद जमानत दिलाने में पूरी कानूनी प्रक्रियाओं को समझने के लिए आपको एक काबिल वकील की आवश्यकता होगी, जो कि आपको जमानत दिलवा सके। इसीलिए इस तरह की धार के अंतर्गत किए गए अपराध से निकलने हेतु काबिल और समझदार वकील का चुनाव करें जो इस तरह की धारा से अपराधी का बचाव कर सकें।
ये भी पढ़ें,
झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय- धारा 376 में जमानत कैसे होती है
354 IPC in Hindi- धारा 354 से बचाव, धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है
धारा 504, 506 क्या है – Section 504, 506 IPC in Hindi
Section 323 IPC in hindi – धारा 323 क्या है
आईपीसी सेक्शन 325 में बचाव के लिए क्या करें
आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अगर अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाने के इरादे से अपराध को करता है तो कानून की नजर में वह देखती अपराधी माना जाएगा। किसी भी व्यक्ति को इस तरह अपराध करने से पहले अपने परिवार पर आने वाली परेशानियों के बारे में अवश्य सोच लेना चाहिए और कुछ सावधानी और बचाव करके इस तरह के अपराधों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं उन जरूरी बचाव की बातों के बारे में..
- कोई भी व्यक्ति आपको परेशान करता है तो उसको गुस्सा दिलाने की कोशिश ना करें और हो सके तो इस तरह की व्यक्ति से हर व्यक्ति को दूर रहना चाहिए।
- किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ में अपना समय खराब ना करें जिससे कि किसी तरह का नुकसान होने का खतरा लगा रहे।
- किसी वजह से आपका झगड़ा किसी से हो जाता है तो उस पर बेवजह हमला ना करें गंभीर चोट लगने का भय उस व्यक्ति की वजह से ना बन पाए।
- किसी भी दोस्त रिश्तेदार या अन्य किसी के साथ इस तरह का मजाक ना करें जिससे कि लड़ाई झगड़ा हो और हाथापाई या फिर गंभीर चोट लग जाए।
- यदि किसी को आपकी वजह से चोट लग जाती है तो आप के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा यहां सबसे पहले आपको किसी अच्छे जिम्मेदार व्यक्ति की मदद लेनी होगी।
- आईपीसी 325 पर लगे केस से कोई भी व्यक्ति निकलना चाहता है तो न्यायालय से परमिशन लेकर वकील की मदद से पीड़ित पक्ष से आपसी समझौते की बात की जा सकती है।
- भविष्य में भी इस तरह के अपराध से बचने के लिए अपने आसपास के लोगों को अपराध से बचाव के बारे में जरूर जागरूक करना चाहिए ताकि किसी तरह का कोई अपराध ना हो।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को “IPC 325 in Hindi- धारा 325 क्या है और जमानत कैसे मिलेगी?” के बारे में जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी जानकारी भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के बारे में बताइए वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी तो इसको अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और आईपीसी सेक्शन 325 के अंतर्गत किसी भी तरह के सवाल के लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं