क्या आप एफिडेविट के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं (Affidavit kya hota hai), या फिर (shapath patra in hindi) के बारे में जानते हैं? अगर नहीं जानते तो आज के हम इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को एफिडेविट क्या होता है, इसे कैसे बनवाना पड़ता है सभी के बारे में आपको विस्तार पूर्वक इस लेख में जानकारी देने जा रहे हैं।
Affidavit kya hota hai: एफिडेविट एक ऐसा कानूनी कागज होता है जो मुख्य रूप से स्कूल कॉलेज क्या बहुत से ऐसे काम होते हैं जिनमें एफिडेविट की जरूरत पड़ती है। एफिडेविट को शपथ पत्र भी कहा जाता है। आज बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है एफिडेविट क्या होता है इसको हिंदी में क्या कहा जाता है इसके विषय में पूरी जानकारी नहीं है इसीलिए एफिडेविट से जुड़ी हुई हर को जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं जिनको जानना बहुत जरूरी है तो आइए जानते हैं एफिडेविट क्या होता है इसके बारे में जानकारी…
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एफिडेविट क्या होता है?
एफिडेविट को हिंदी में हलफनामा या शपथ पत्र भी कहते हैं यह एक ऐसा शपथ पत्र होता है जो कि कानून से रिलेटेड होता है। एफिडेविट को as a proof भी कह सकते हैं। इस शपथ पत्र का अर्थात एफिडेविट का उपयोग किसी दूसरे व्यक्ति को विश्वास दिलाने के लिए किया जाता है।
साधारण शब्दों में अगर कहा जाए तो एफिडेविट अर्थात (Shapath Patra in Hindi) एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें व्यक्ति अपनी सभी निजी जानकारियों को अपने ज्ञान के आधार पर अपने शब्दों को लिखित रूप में लिख कर उनको सत्यता की घोषणा लिखित रूप से ही करता है उसके बाद इसमें नोटरी या कमिश्नर के साइन करवा कर एक प्रूफ के रूप में काम आता है।
अक्सर एफिडेविट कॉलेज या सरकारी गैर सरकारी बहुत सी जगह होती है जहां पर एफिडेविट की मांग की जाती है एफिडेविट के जरिए आपसे एक शपथ दिलवाई जाती है और जो उसमें जानकारी होती है वह पूरी सत्य होती है आगे चलकर वह किसी की गलती ना बन जाए इसीलिए पूरी प्रक्रिया कानूनी रूप से करवाई जाती है जो भी एफिडेविट में लिखा हुआ होता है वह गलत नहीं होता है क्योंकि जब इसको बनाया जाता है तो रजिस्टर या नोटरी के साइन करवाने होते हैं।
रोजाना हजारों नहीं लाखों लोग किसी ना किसी तरह के एफिडेविट बनवाते ही रहते हैं इन एफिडेविट को notary या authorised signatory के सामने अपने द्वारा लिखे गए बयान को उसमें लिख कर उसको अटेस्टेड करवाना पड़ता है उसके बाद भी पूरी तरह से एफिडेविट तैयार किया जाता है।
एफिडेविट में दी गई जानकारी या बयान आपका गलत नहीं होना चाहिए वह एकदम सही सत्य पर आधारित होना चाहिए अगर एफिडेविट में जो भी जानकारी दी है वह गलत है तो बयान सही तरीके से ना देने के लिए रजिस्टर्ड अथॉरिटी के द्वारा खारिज कर दिया जाता है।
एफिडेविट (शपथ पत्र) की आवश्यकता
एफिडेविट की आवश्यकता अगर देखा जाए तो सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही अवस्थाओं में किसी को भी पड़ सकती है। आइए जानते हैं किन किन जगह पर एफिडेविट की आवश्यकता होती है…
- स्कूल में एडमिशन लेने की प्रक्रिया के समय पर
- डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए
- मैरिज सर्टिफिकेट की प्रक्रिया के संबंध
- आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए
- निवास प्रमाण पत्र के लिए
- जाति व जन्म प्रमाण पत्र के लिए
- नाम बदलवाने या ना में किसी तरह का संशोधन करने के लिए
- स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए
- रसोई गैस के आवेदन के लिए
- उत्तराधिकारी का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए
- कोर्ट में विशिष्ट तथ्यों को साबित करने के लिए भी
- अधिवक्ता रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान
- अखबार समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए
- बैंक से संबंधित किसी भी कार्रवाई के दौरान एफिडेविट की मांग
गलत एफिडेविट बनाने पर
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपना झूठा बयान देता है और यह सब लिखित रूप से एफिडेविट में बनाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि एफिडेविट के बारे में यह माना जाता है कि वह पूरी तरह सत्य पर आधारित है। अर्थात वह पूरी तरह सही होता है।कोई व्यक्ति एफिडेविट पर किसी और के बदले अपने हस्ताक्षर कर देता है या फिर उस एफिडेविट का गलत उपयोग करता है, तो ऐसे शख्स के खिलाफ IPC की धारा 419 के तहत मुकदमा बनाया जा सकता है, क्योंकि एक्ट 1969 के अंतर्गत यह निर्धारित किया गया कि जो भी बयान एफिडेविट में दिया जाता है, वह सच होना चाहिए।
कोई व्यक्ति गलत एफिडेविट का किसी भी अदालत में होने वाली कार्रवाई के दौरान उसको पेश कर देता है ऐसे में अदालत उस व्यक्ति के खिलाफ झूठा सबूत झूठा बयान पेश करने के मामले में उस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश भी कर सकते हैं।
एफिडेविट बनवाते समय ध्यान देने योग्य बातें
एफिडेविट बनवाते समय सिविल प्रक्रिया संहिता 1960 के आदेश 19 नियम तीन के प्रावधान के अंतर्गत निम्न बातों का ध्यान में होना जरूरी है..
- एफिडेविट अर्थात शपथ पत्र को अलग-अलग पैराग्राफ में लिखकर उसको संख्या से अंकित करना चाहिए।
- एफिडेविट उस भाषा में होना चाहिए जिसकी जानकारी अभिसाक्षी को होना चाहिए। शपथ पत्र किसी अन्य भाषा में लिखते हो तो एफिडेविट के निकाय में पहले यह कथन शामिल होना चाहिए कि जो अभी साक्षी को एफिडेविट मैं जो लिखा गया कथन है वह व्यक्ति को पढ़कर सुनाया जाता है वह समझ जाना जरूरी है।
- एफिडेविट में दिए गए तथ्यों और आरोपों को प्रमाणिक यथार्थ होना जरूरी है और स्पष्ट रूप से सही भी लिखा जाना चाहिए।
- एफिडेविट में ऐसे विषयों तक सीमित रखना चाहिए जिसका अभिसाक्षी को अपने निजी ज्ञान से साबित करने में समर्थ हो है लेकिन बाद कालीन आवेदन के शपथ पत्रों ने उसके विश्वास पर आधारित बात को भी स्वीकार करना चाहिए।
- विश्वास पर आधारित वचनों के आधार पर भी सभी बात शामिल होनी चाहिए
- एफिडेविट में दिए गए तथ्यों का सत्यापन होना जरूरी है सत्यापन में किसी तरह की कोई गलती भी नहीं होनी चाहिए।
- एफिडेविट के सत्यापन में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि कौन से तत्व या आरोप अभी साक्षी के खुद के ज्ञान से सत्य हैं ओर कौन सा तत्व सूचना और विश्वास पर आधारित है।
- एफिडेविट के सत्यापन में निजी ज्ञान पर आधारित तत्वों का उल्लेख स्पष्ट रूप से किस तरह से किया जाना चाहिए कि ” मैं शपथ यह करता हूं” या ” मैं इसकी पुष्टि करता हूं”।
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एफिडेविट के लिए शपथ किसके द्वारा दिलाते हैं?
एफिडेविट बनवाते समय सिविल प्रक्रिया संहिता 1960 की धारा 139 के अंतर्गत शपथ पत्र के लिए शपथ जिनके द्वारा दिलवाई जाती है इसके संबंध में उनका प्रावधान बताया गया है जो कि निम्न प्रकार से हैं..
- किसी भी न्यायालय में या मजिस्ट्रेट के पास
- नोटरी अधिनियम 1952 की धारा 53 के अधीन नियुक्त नोटरी में
- ऐसा कोई भी अधिकारी या अन्य अधिकारी जिसे उच्च न्यायालय के द्वारा सिर्फ इस काम के लिए ही नियुक्त किया गया है।
- किसी अन्य न्यायालय के द्वारा इसे राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए ही आधारित है या विशेष रूप से सशक्त किया है।
- एफिडेविट के लिए नियुक्त किया गया कोई भी अधिकारी अभी साक्षी को शपथ दिला सकता है।
एफिडेविट कैसे बनाते हैं
एफिडेविट बनवाने के लिए आपको से पहले स्टांप पेपर खरीदना होगा यह स्टाम्प बपेपर कम से कम ₹50 का होना चाहिए क्योंकि साधारण कागज पर कभी कोई एफिडेविट नहीं तैयार होता है। किसी भी कागज पर स्टांप पेपर चिपका देने के बाद में उसको लीगल पेपर के नाम से जानते है। उसके बाद में स्टांप पेपर पर किस विषय में आपको एफिडेविट तैयार करना है, उसका निर्णय तैयार करे। उस विषय में पूरी जानकारी पत्र में लिखे हैं। उसके बाद उसने अपना साइन जरूर करें। साइन करने के बाद में सारी प्रक्रियाओं को पूरा करके उसको नोटरी से अटेस्टेड करवा ले। इस तरह से एफिडेविट तैयार किया जाता है।
‘नोटरी’ शपथ पत्र क्या है
नोटरी एक ऐसा कानूनी पर्सन होता है जो आपके सभी डॉक्यूमेंट को कानूनी रूप से validate करने का काम करता है। नोटरी को सेंट्रल गवर्नमेंट या फिर स्टेट गवर्नमेंट के द्वारा अप्वॉइंट किया जाता है। जिसने भी तरह के डॉक्यूमेंट तो सर्टिफिकेट में स्टांप पेपर लगाने के बाद में अगर उसको नोटरी अटेस्टेड कर देता है तो वह डॉक्यूमेंट और सर्टिफिकेट कानूनी रूप से सही होते हैं व लीगल कहलाते हैं।
नोटरी का मुख्य रूप से डॉक्यूमेंट attestation, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन एफिडेविट बनवाने का काम डॉक्यूमेंट रजिस्टर्ड करने का काम यह सभी नोटरी के द्वारा करवाए जाते हैं नोटरी बनने के लिए कम से कम लॉ की डिग्री होनी चाहिए इसके अलावा 10 साल का एक्सपीरियंस होना जरूरी है।
Conclusion
दोस्तों आज हमने इतनी लेख के माध्यम से ” एफिडेविट अर्थात शपथ पत्र क्या है” इसके विषय में सभी जानकारी इस लेख में बताई है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी इस लेख में जानकारी प्रदान की है वह अच्छे से समझ में आई होगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट पर बने रह सकते हैं, और यह लेख पसंद आया तो कमेंट करके जरूर बताएं।