आज हम इस पोस्ट के द्वारा आपको बताने जा रहे हैं कि धारा “Dhara 370 kya hai“ धारा 370 के अंतर्गत इस अपराध को शामिल किया गया है। इस में जमानत कैसे होती है। इसके विषय में विस्तार पूर्वक चर्चा आज के इस लेख के द्वारा करने वाले हैं आइए जानते हैं….
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धारा 370 क्या है
भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के अनुसार जो कोई भी व्यक्ति का दुर्व्यापार अर्थात मानव तस्करी शोषण के प्रयोजन के लिए करता है। इसके साथ ही धमकियों के द्वारा और बल प्रताड़ना के द्वारा ऐसे अपराध को कार्य करता है तो वह धारा 370 के अंतर्गत दंड और जुर्माने से दंडित किया जाता है।
Dhara 370 kya hai (IPC)
आईपीसी 370 के अनुसार विवरण
व्यक्ति का दुर्व्यापार
1. जो कोई शोषण के प्रयोजन से
पहला – धमकियों का प्रयोग करके या फिर
दूसरा – बलिया प्रकीर्णन के किसी अन्य प्रकार के प्रयोग करके या फिर
तीसरा- अपहरण के द्वारा या
चौथा – कपट का प्रयोग करके या प्रवचना के द्वारा या
पांचवा- शक्ति के दुरुपयोग के द्वारा या फिर
छठा – उत्प्रेषण के द्वारा जिसके अंतर्गत भर्ती किए गए परिवहनित,संश्रित स्थानांतरित या ग्रहिता व्यक्ति पर नियंत्रण रखने वाले किसी व्यक्ति की संपत्ति प्राप्त करने के लिए भुगतान या लाभ देना या फिर प्राप्त करना इसमें शामिल है।
व्यक्ति या व्यक्तियों को (क)भर्ती करना, (ख) परिवहन करना, (ग)संश्रय देना, (घ) स्थानांतरित करना या प्राप्त करना वह दुर्व्यापार का अपराध कारित करेगा।
2 – जो कोई दुर्व्यापार का प्राप्त कार्य करता है वह कठोर कारावास से जिसकी अवधि 7 साल से कम नहीं होती किंतु 10 वर्ष तक कि वह हो सकती है दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी वह दंडनीय रहेगा।
3- जहां अपराध में एक से अधिक व्यक्ति दुर्व्यापार अंतर्गत हो, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि 10 साल से कम नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी वह दंडनीय रहेगा।
4- जहां अपराध में अवयस्क का दुर्व्यापार अंतर्गत रहेगा वह कठोर कारावास जिसकी अवधि 10 साल से कम नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी वह दंडनीय होगा और जुर्माने से भी वह दंड का अधिकारी रहेगा।
5- जहां अपराध में एक ही समय से अधिक वयस्कों का दुर्व्यापार अंतर ग्रस्त होगा वहां वह कठोर कारावास से जिसकी अवधि 14 साल से कम नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी, वह दंडनीय रहेगा और जमाने से भी वह दंड का अधिकारी रहेगा।
6 – यदि व्यक्ति से एक से अधिक अवसर पर अवयस्क के दुर्व्यापार के अपराध से दोषसिद्ध किया जाएगा तो ऐसा व्यक्ति आजीवन कारावास से दंडनीय रहेगा इसका तात्पर्य उस व्यक्ति के अवशेष नैसर्गिक जीवन के कारावास से रहेगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय रहेगा।
7 – जब लोकसेवक या पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति के दुर्व्यापार मैं संलग्न होते हैं तब ऐसा लोकसेवक या पुलिस अधिकारी आजीवन कारावास से दंडित किया जा सकता है जिसका तात्पर्य उस व्यक्ति के शेष नैसर्गिक जीवन के कारावास से रहेगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय रहेगा।
धारा 370 में लागू अपराध (Punishment)
1- व्यक्ति / व्यक्तियों की तस्करी
सजा – सात से 10 साल तक का कारावास और आर्थिक दंड भी दिया जाएगा।
यह अपराधी गैर जमानती अपराध है और संघीय अपराध की श्रेणी में आता है सत्र न्यायालय के द्वारा यह विचारणीय रहेगा।
2- एक से अधिक व्यक्ति / व्यक्तियों की तस्करी
सजा – 10 साल से आजीवन कारावास और आर्थिक दंड दिया जाएगा।
यह अपराधी गैर जमानती अपराध है संघीय अपराध की श्रेणी में आता है और यह भी सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय रहेगा।
3 – नाबालिग व्यक्ति / व्यक्तियों की तस्करी
सजा – 10 वर्ष से अधिक आजीवन कारावास और आर्थिक दंड दिया जाएगा।
यह एक गैर जमानती अपराध है और संगे अपराध की श्रेणी में आता है सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय भी रहेगा।
4 – एक से अधिक नाबालिग व्यक्ति/ व्यक्तियों की तस्करी
सजा – 14 वर्ष से आजीवन कारावास और आर्थिक दंड भी दिया जाएगा
यह एक गैर जमानती है और संघेय अपराध माना गया है इसके अलावा यह सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय रहेगा।
5- नाबालिक की तस्करी के अपराध में एक से अधिक बार दोषी
सजा – आजीवन जिसका अर्थ शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास और आर्थिक दंड भी दिया जाएगा।
यह एक गैर जमानती है संगे अपराध माना गया है और यह अपराधी सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय रहेगा
6 – यदि कोई लोकसेवक या पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की तस्करी में शामिल है
सजा – आजीवन जिसका अर्थ शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास व आर्थिक दंड दिया जाएगा
यह एक गैर जमानती व संघेय अपराध माना गया है और यह सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय रहेगा।
इस तरह का अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है।
धारा 370 में सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के अंतर्गत किसी भी मानव का दुर्व्यापार करता है ऐसे व्यक्ति को किसी भी भारतीय के कारावास जिसकी आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है वह दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी वह दंडनीय रहेगा।
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धारा 370 में जमानत कैसे होगी
भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के अंतर्गत जो अपराध कार्य किए जाते हैं उनमें अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर जमानती अपराध की श्रेणी आती है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए किसी भी तरह के अपराध में कोई जमानत नहीं मिल पाएगी।
निष्कर्ष- धारा 370 क्या है
आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको “धारा 370 क्या है” इसके बारे में जानकारी प्रदान किए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी इंफॉर्मेशन इसलिए के द्वारा आर्टिकल 370 के बारे में बताइए है, वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आपको हमारे द्वारा लिखी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसको अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और अगर इस पोस्ट से संबंधित किसी भी तरह के मन में आपके कोई सवाल है, तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।