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एकतरफा तलाक के नियम और तलाक के फायदे

हमारे देश में एकतरफा तलाक लेने के लिए बहुत ही कठिन प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। क्योंकि एकतरफा तलाक लेना आसान नहीं होता है। आज किस पोस्ट में हम जानेंगे की एकतरफा तलाक के नियम क्या होते हैं और तलाक के फायदे क्या है इन सब के विषय में विस्तार से आपको जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से देने जा रहे हैं आइए जानते हैं…

आज हमारे देश में तलाक जितने तेजी से होते जा रहे हैं उसके बारे में सोचना भी बहुत मुश्किल हो रहा है ना कि दुनिया को देखते हुए तो भारत में तलाक की दर बहुत कम है लेकिन फिर भी तलाक के केस आपको पहले के मुकाबले अब ज्यादा देखने को मिलेगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चीज यह होती है कि अगर आप दोनों आपसी सहमति से तलाक ले रहे हो तो उसमें बहुत आसानी से तलाक मिल जाता है लेकिन जब बात आती है एकतरफा तलाक की तो उसने पति पत्नी दोनों को बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती है क्योंकि एकतरफा तलाक के अंतर्गत एक की रजामंदी तलाक के लिए होती है दूसरे की नहीं होती है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से कारण हैं जिनके आधार पर आप आसानी से तलाक ले सकते हो तो आज की पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि एकतरफा तलाक कैसे लिया जाता है और एकतरफा तलाक लेने के क्या नियम हो सकते हैं इसके विषय में आपको जानकारी इस पोस्ट में विस्तार से बताने जा रहे हैं आज का यह पोस्ट आप सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है तो आइए जानते हैं…

एकतरफा तलाक क्या होता है

एकतरफा तलाक के नियम: एकतरफा तलाक होता है जब तलाक के लिए पति और पत्नी दोनों की सहमति ना हो अर्थात उनकी रजामंदी इस तलाक के लिए नहीं हो तो उसको एकतरफा तलाक कहा जाता है या यह भी कह सकते हैं पति-पत्नी में से किसी एक का इरादा तो तलाक देने का है और दूसरे व्यक्ति का इरादा तलाक देने का नहीं है तो उस स्थिति में एकतरफा तलाक हो सकता है।

एकतरफा तलाक के नियम

एकतरफा तलाक लेने के लिए तलाक की याचिका का प्रारूप तैयार पूरा करने के बाद में उसको कोर्ट में पेश करना पड़ता है एकतरफा तलाक केवल कुछ निश्चित आधारों पर ही मिल सकता है हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के सेक्शन 13 के अंतर्गत इसका उल्लेख भी किया गया है।

एकतरफा तलाक के नियम

इस तरह की कुछ परिस्थितियां हो जाती है जिनमें तलाक के लिए न्यायालय में एक याचिका दायर कर सकते हैं हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के सेक्शन 13(1) के अंतर्गत इन को शामिल किया गया है।

एकतरफा तलाक के नियम: हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के शुरू होने से पहले या बाद में होने वाली किसी भी शादी का तलाक पति पत्नी के द्वारा न्यायालय में दी गई तलाक की याचिका के ऊपर वह सकता है एकतरफा तलाक पाने के लिए कोई व्यक्ति न्यायालय के आदेश को प्राप्त कर सकता है एकतरफा तलाक लेने के निम्न आधार पर लिया जा सकता है।

  1. व्यभिचार – पति पत्नी दोनों में से कोई भी एक व्यक्ति अपने पार्टनर को धोखा दे रहा है या किसी अन्य तीसरे व्यक्ति के साथ में किसी तरह का कोई शारीरिक सम्मान दिया रिश्ता बना रहा है ऐसे में दूसरा पक्ष एडल्ट्री को आधार मानकर तलाक के लिए कोर्ट में अपनी अर्जी लगा सकता है लेकिन इन सब के लिए आपको एडल्ट्री के सुबूत कोर्ट में पेश करने होंगे अर्थात कोर्ट में आपको एडल्ट्री को साबित करना होगा।
  2. हिंसा – महिला पुरुष दोनों में से कोई भी एक शारीरिक एवं मानसिक किसी तरह की हिंसा का शिकार होता है। स्थिति में शारीरिक मानसिक हिंसा को आधार बनाकर तलाक ले सकता है इस परिस्थिति के लिए भी कोर्ट में साबित करना होगा कि आपके साथ में किसी तरह की कोई हिंसा हुई है तो आपको आसानी से एकतरफा तलाक मिल जाएगा।
  3. धर्म परिवर्तन – अगर पति पत्नी दोनों शादी से पहले किसी भी अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखने वाले हैं और दोनों ने शादी करने के बाद में एक दूसरे को धर्म के साथ में एक्सेप्ट कर भी लिया है शादी के बाद में पति या पत्नी में से कोई भी धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर कर रहा है और उस पर पूरी तरह से दबाव डाल रहा है तो पति या पत्नी में से कोई भी एकतरफा तलाक इस को आधार बनाकर ले सकता है।
  4. संन्यास – पति पत्नी में से कोई भी एक अपने शादीशुदा जीवन को छोड़कर साधु सन्यासी बन जाता है अर्थात सन्यास ले लेता है तो उसे स्थिति में कोर्ट दूसरे पक्ष को एकतरफा तलाक दे सकता है या खुद भी वह इस तरह कोर्ट में याचिका दायर करके ले सकता है।
  5. गुमशुदा – पति पत्नी दोनों में से कोई भी एक 7 साल के लिए गायब हो गया है अर्थात गुमशुदा हो गया है और कभी भी इन 7 सालों के दौरान अपने घर में लौट कर नहीं आया है तो उसी स्थिति में पति-पत्नी में से दोनों में से कोई भी एकतरफा तलाक गुमशुदा के आधार पर ले सकता है।
  6. नपुसंकता – नपुंसकता एकतरफा तलाक के लिए एक बहुत बड़ा कारण है जिसके आधार पर आप आसानी से तलाक ले सकते हैं।

तलाक के फायदे

तलाक लेने के फायदे के बारे में सुनने में बड़ा अजीब लग रहा होगा। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तलाक लेने के फायदे बहुत होते हैं आइये जानते हैं..

शारीरिक व मानसिक शोषण और तनाव से मुक्ति

ऐसे बहुत से शादीशुदा जुड़े हैं जो शादी के बाद अपने पार्टनर के साथ बिल्कुल खुश नहीं रहते हैं वह मानसिक प्रताड़ना से लेकर शारीरिक शोषण का भी शिकार होते रहते हैं इस तरह के मामलों में कई बार घरेलू हिंसा तक के मामले भी में जुड़ जाते हैं इन परिस्थितियों से निकलने के लिए अगर कपल्स ने तलाक ले लिया तो सही रहता है इन परिस्थितियों के बावजूद समाज में लोगों को लेकर अलग-अलग तरह से बात करते हैं और कहीं ठीक कैसे गुजारा होगा लोग क्या-क्या बातें करेंगे इन कारणों की वजह से ना चाहते हुए भी कई बार पति पत्नी को एक साथ रहना पड़ता है। इस तरह की शादी में रोजाना दुख और दर्द के सिवा कुछ नहीं मिलता इस स्थिति का सामना कर रहे व्यक्ति के लिए एक बेस्ट ऑप्शन होता है कि अपने साथी से अलग हो जाए अर्थात तलाक ले ले ताकि रोज को शारीरिक और मानसिक तनाव से शोषण से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाये।

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तलाक के फायदे: खुद पर ज्यादा ध्यान देने का मौका

शादी के बाद पति-पत्नी दोनो की जिंदगी पूरी तरह से बदल ही जाती है। क्योंकि उनके हर फैसले में हर चीज पर एक दूसरे की रजामंदी शामिल होती है। इस वजह से पति-पत्नी दोनों ही अपने दूसरे पर ध्यान नहीं देते हैं। कई बार खुद पर ध्यान नहीं देने की वजह से अक्सर ऐसी बातें सुनने को मिल जाती है कि शादी से पहले तो बहुत अच्छे थे और अब कैसे हो गए हैं? यह स्थिति मुख्य रूप से तो महिलाओं को ही झेलनी पड़ती है। आज के जमाने में उनसे काम के साथ घर संभालने की भी लोग उम्मीद रखते हैं। दोनों जिम्मेदारी निभाते हुए और पति के साथ असंतोष होने की वजह से खुद पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।

लेकिन जाता है जो खुद को खो दिया हमने पाने के लिए एक बार हर व्यक्ति को खुद पर ध्यान देने का मौका मिल जाता है खुद की हेल्प से लेकर अपीयरेंस और कैरियर तक में बहुत अच्छे से परफॉर्म करने का मौका मिलता है जिससे वह खुद को बेहतर महसूस करते हैं।

तलाक के फायदे: बच्चों को मिलता है बेहतर माहौल

शादी के बाद जब माता-पिता अलग हो जाते हैं तो इसका प्रभाव बच्चों को बहुत झेलना पड़ता है एक बड़ा कारण यह भी माना जाता है कि शादी नहीं टूटने की एक बड़ी वजह यही दुआ करते हैं क्योंकि बच्चे ऐसी मां बाप को जोड़े रखने वाली कड़ी होती है जिसके आधार पर कभी मां-बाप चाहते हुए भी अलग नहीं हो सकते पति पत्नी के बीच रोज-रोज के झगड़े कड़वा द्वारा माहौल होता है इसकी वजह से बच्चों को बहुत गलत प्रभाव पड़ता है मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी उन पर असर पड़ता है इस तरह के माहौल से पति-पत्नी दोनों अगर अलग हो जाए तो बच्चों को ऐसा माहौल मिल जाता है जिससे बच्चे खुश रहते हैं तो तलाक के बाद यह फायदा बच्चों के लिए सही होता है।

निष्कर्ष

आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको हमने एकतरफा तलाक के नियम और तलाक के फायदे क्या हैं इसके विषय में जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी इंफॉर्मेशन इस लेख में दिया वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू रिजेक्ट कर सकते हैं और आप हो सके तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और तलाक से संबंधित किसी भी तरह के सवाल के लिए आप हमारे कमेंट से जाकर पूछ सकते है।

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