पत्नी को तलाक देने के उपाय

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे की “पत्नी को तलाक देने के उपाय इसके विषय में विस्तार से जानकारी देंगे,आप हमारे इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े। ताकि आपको सभी जानकारी सही से प्राप्त हो सके।

शादी के बाद अपने पार्टनर को समझने के लिए कम से कम 6 महीने का समय लग ही जाता है क्योंकि शादी का रिश्ता होता ही ऐसा है जिसमें हर रिश्ते को समझने में हर लड़की को समय देना ही पड़ता है। कई बार देखने को मिलता है कि शादी के बाद पत्नी की क्रूरता पति के घर वालों के खिलाफ पति के खिलाफ इतनी बढ़ जाती है कि हर कोई पति तलाक लेने के बारे में सोच लेता है क्योंकि उस स्थिति में कोई उपाय समझ में नहीं आता है लेकिन इन सब परिस्थितियों से बचने के लिए आखिर पति करे तो क्या करें । पति अपनी पत्नी से तलाक चाहता है लेकिन पत्नी अपने पति को तलाक नहीं देना चाहती तो इन सब परिस्थितियों से किस तरह से निकला जाए यही सब जानकारी के विषय में आज हम इस पोस्ट में चर्चा करेंगे। तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे की पत्नी को तलाक देने के उपाय क्या है इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से इस पोस्ट के माध्यम से…

पत्नी को तलाक देने के उपाय क्या है?

पत्नी को तलाक देने के उपाय के बारे में जानकारी कुछ इस तरह से है….

1.धारा 13(1) तलाक (हिन्दू विवाह अधिनियम)

सबसे पहले आप धारा 13 के अंतर्गत केस करते हैं उसमें तलाक के 15 आधारों को शामिल किया गया है जिसमें पति के पास 11 आधार होते हैं और पत्नी के पास में 4 तलाक के लिए अधिकार दिए जाते हैं इनमें से किसी भी एक आधार को मानकर तलाक के लिए केस किए जा सकते हैं इसमें पति के द्वारा पत्नी को नोटिस भेजा जाएगा। जिन अधिकारों को शामिल किया गया है उनमें एडल्ट्री, क्रूरता,धर्म परिवर्तन, मानसिक व शारीरिक संतुलन, कोढ़, सन्यास, न्यायिक पृथक्करण, दांपत्य अधिकारों के पुनर्स्थापना का पालन न करना इन सब अधिकारों को एक पत्नी अपने पति के खिलाफ आधार बनाकर इस्तेमाल कर सकती है और तलाक ले सकते हैं। पति के द्वारा जिन आधारों को पत्नी के लिए शामिल किया गया है उनकी जानकारी निम्न है..

  • बहु विवाह
  • बलात्कार,गुदा मैथुन
  • यौवन विकल्प
  • भरण पोषण की डिक्री

2.धारा 9 दांपत्य अधिकारों का प्रत्यास्थआपन

अगर पति को लगता है कि अपने साधारण केस से नहीं मानती है या फिर आपने जो केस किया है। वह आप नहीं जीत सकते या आपके पास पत्नी के खिलाफ कोई ठोस पुख्ता सबूत मौजूद नहीं है। जिससे आपके जीत पाए ऐसे में आप धारा 9 दांपत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन (हिंदू मैरिज एक्ट) का सहारा भी ले सकते हैं। इसको रेस्टीट्यूशन ऑफ कॉन्जुगल राइट कहा जाता है।

पत्नी को तलाक देने के उपाय

इस केस में पत्नी को वापस घर लाने के लिए अगर आपके करते हैं तो सीधी सी बात है कि वह शायद घर वापस नहीं आएगी तो अगर आप यह साबित कर देते हैं कि आपने किसी तरह की कोई गलती नहीं की है और शादी होने के कारण कानूनन मेरी पत्नी को मेरे साथ रहना चाहिए और अपने पति को दांपत्य सुख देना चाहिए जो कि पति नहीं दे पा रही है इस को आधार बनाकर आपको आसानी से डिक्री मिल जाएगी आपकी पत्नी आपके पास आकर नहीं रहती है तो आप इस डिग्री के पास होने के बाद अपनी पत्नी से तलाक का पूरा कानूनन अधिकार आपको मिल जाएगा जिससे आसानी से इस को आधार बनाकर तलाक ले सकते हैं।

3.धारा 10 न्यायिक पृथक्करण

हिंदू मैरिज एक्ट के अंतर्गत इसको जुड़े क्षण सिपरेशन भी कह सकते हैं अर्थात कानूनी रूप से पति-पत्नी एक छत के नीचे रहते हुए भी पति-पत्नी की तरह नहीं रहना।

जब आपकी पत्नी आपके साथ में रह रही है और आप से खर्चा भी ले रही है साथ में रहते हुए तलाक लेना बहुत मुश्किल हो पाता है क्योंकि ऐसे में कोर्ट का रुख पूरी तरह से पत्नी के ऊपर ही होता है कोर्ट के द्वारा यह निर्णय लिया जाता है कि पत्नी को घर बसाना चाहती है लेकिन पति नही चाह रहा के दोनों साथ रहे ऐसे में आपका यह केस करना चाहिए।

4.घरेलू हिंसा का केस

आपकी मां बहन आपके साथ में रहती है। ऐसे में मां बहन के द्वारा आप अपनी पत्नी पर केस करवा सकते हैं। घरेलू हिंसा का केस पत्नी ही नहीं बल्कि आपकी मां बहन भी यह केस कर सकती हैं। जैसे आपकी पत्नी उस घर में बहू है वैसे आपकी मां भी उस घर की बहू ही होती है। ऐसे में घरेलू हिंसा का केस आसानी से किया जा सकता है। एक घर में रहने वाली सभी महिला घरेलू हिंसा का केस दर्ज कर सकते हैं।  पुरुष को यह किस करने का अधिकार नहीं होता है तो आप अगर पत्नी से तलाक लेना चाहते हैं तो अपनी मां और बहन के द्वारा घरेलू हिंसा का केस कर सकते हैं। और कोर्ट में बता सकते हैं कि उसने बहुत परेशान किया है, गाली दी है, खाना नहीं दिया और बहुत से घरेलू हिंसा के आधार हैं इन आधार पर केस कर सकते हैं। ऐसे में पत्नी हताश होकर दबाव में पड़ सकती है। जिससे आपको तलाक मिल जाएगा।

5.धारा 3 दहेज प्रतिरोध अधिनियम

धारा तीन दहेज प्रतिरोध अधिनियम के अंतर्गत आपकी पत्नी में कहीं पर भी यह लिखा है कि शादी से पहले और शादी के बाद उन्होंने आपकी मांग पर दहेज दिया है तो आप इस धारा में उन्हें 5 साल तक की सजा और ₹15000 से लेकर दहेज के सामान तक की वैल्यू का पैसे का जुर्माना करवा सकते हैं आईपीसी सेक्शन 3 यह कहती है कि दहेज देना और लेना दोनों ही कानूनन अपराध है। इसमें आपको यह नहीं कहना कि “मैंने दहेज लिया है लेकिन आपकी पत्नी का और उसके परिवार का यह कहना है कि उन्होंने दहेज दिया है” तो इतना ही कहना उनको जेल की सलाखों तक पहुंचा सकता है।

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6. मानहानि आईपीसी सेक्शन 500

अक्सर आपने देखा होगा कि पत्नी केस करने के बाद भी न्यूज़ पेपर में निकलवा देती है और उसकी कटिंग कोर्ट में दिखाकर कोर्ट को मीडिया का ट्रायल रूप दिखा कर अपने पक्ष में पूरा केस करने की कोशिश करती है। इसके लिए और इस प्रकार के दबाव को कोर्ट रोकने के लिए कहता है। आगे से कोई भी न्यूज़ पेपर ऐसी खबर ना छापे अपनी पत्नी पर सामाजिक दबाव बनाने के लिए आपको आईपीसी सेक्शन 500 के अंतर्गत मानहानि का केस करना चाहिए। ताकि आपकी पत्नी और न्यूज़पेपर वाले पूरी तरह से दबाव में आ जाए। इस तरह की धारा लगने के बाद 2 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों ही भरने पड़ते हैं।

निष्कर्ष

आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को “पत्नी से तलाक लेने के उपाय” के बारे में जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आप जो भी जानकारी इस पोस्ट में दी है वह आपको जरूर पसंद आने वाली होगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू बने रहिए और आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा तो एक बार कमेंट करके जरूर बताएं।

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