अगर आप खबरे आदि पढ़ते और देखते हो या फिर कानून में रूचि रखते हो तो आपने अक्सर सुना होगा की लोगो या फिर कहा जाये तो अपराधियों पर रासुका कानून लगाया जाता हैं लेकिन अगर आप कानून के क्षेत्र से तात्पर्य नहीं रखते हो आपको नहीं पता होगा की रासुका कानून क्या हैं और साथ ही रासुका कानून में जमानत कैसे मिलती हैं। अगर हाँ, तो यह लेख पूरा पढ़े क्युकी इस लेख में हम आपको रासुका कानून की पूरी जानकारी आसान आसान भाषा में देने वाले हैं जिससे आपको रासुका कानून से संबंधित कई सवालों के जवाब जानने को मिल जायेंगे।
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रासुका कानून क्या हैं?
रासुका कानून अक्सर विभिन्न कारणों की वजह से चर्चा में रहता हैं। जो लोग कानून की अच्छी समझ रखते हैं उन्हें तो इस कानून के बारे में पता होता हैं लेकिन जिन लोगो को इसकी अच्छी समझ नहीं होती वह नहीं जानते की रासुका कानून क्या हैं? अगर आप भी उन्ही लोगो में से एक है तो जानकारी के लिए बता दे की रासुका कानून को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के नाम से भी जाना जाता हैं जिसमे 1980 से तात्पर्य उस वर्ष से हैं जिस वर्ष से इस कानून को देश में पारित किया गया था।
जी हाँ, रासुका कानून की शुरुआत देश में 1980 में हुई थी और जैसा की आप सभी को इसके नाम से समझ आ रहा होगा की यह एक ऐसा कानून हैं जो देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ हैं। जब भी किसी व्यक्ति या फिर कहा जाए तो अपराधी के द्वारा किसी ऐसी गतिविधि में भाग लिया जाता हैं जिससे केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार को लगे की व्यक्ति के द्वारा जिन गतिविधियो में भाग लिया रहा हैं वह राष्ट्र की सुरक्षा के खिलाफ हैं तो ऐसे में उस व्यक्ति या अपराधी पर रासुका कानून लगाकर कार्यवाही शुरू की जाती हैं।
राज्य सरकार के पास यह शक्ति होती हैं की जब भी उसे किसी व्यक्ति या अपराधी पर संदेह होता हैं की इसने किसी ऐसी गतिविधि में भाग लिया हैं जो देश की सुरक्षा के खिलाफ हैं या फिर वह कोई ऐसी गतिविधि करने वाला हैं जिससे की देश की सुरक्षा में बाधा आ रही हैं तो उस व्यक्ति पर रासुका कानून लगाकर कार्यवाही और इन्वेस्टिगेशन शुरू की जा सकती हैं। इस कानून के तहत लोगो और अपराधियों को गिरफ्तार करने के आदेश केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा दिए जाते हैं।
रासुका कानून क्या है – इसमें किये गए प्रावधान क्या हैं?
रासुका कानून में अब तक कई प्रावधान किये गए हैं जिनमे से कुछ मुख्य प्रावधानों की बात की जाये तो वह कुछ इस प्रकार हैं:
- रासुका कानून के अंतगर्त किये गए मुख्य प्रावधानों की बात की जाये तो उनमे देश और राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था या फिर सामाजिक सेवा पूर्ति को बाधित करने वालो की गिरफ्तारी के लिए प्रावधान किया गया हैं है।
- रासुका कानून का मुख्य प्रावधान यह भी हैं देश या राज्य की सुरक्षा में बाधा डालने वाले लोगो को दण्ड देने का प्रावधान हैं।
- लोकप्रिय कानून रासुका से जुड़ा हुआ एक प्रावधान यह भी हैं की देश और राज्य की सुरक्षा में बाधा डालने वाले लोगो को इस कानून के तहत अधिकतम 1 साल के लिए हिरासत में लिया जा सकता हैं।
रासुका कानून के तहत गिरफ्तारी का आदेश कब जारी किया जाता हैं?
अगर आप रासुका कानून की पूरी जानकारी लेना चाहते हो तो आपको यह पता होना चाहिए की रासुका कानून के तहत गिरफ्तारी का आदेश कब जारी किया जाता हैं। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो बता दे की कुछ विशेष स्थितियों के अंतगर्त केंद्र सरकार या राज्य सरकार किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए आदेश दे सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- धारा 3 उपधारा 1 खंड (क) National Security Act, 1980, के अनुसार अगर केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकारों को किसी व्यक्ति के सम्बन्ध में यह संतुष्टि हैं की वह विदेशी ताकतों के साथ मिलाकर देश की सुरक्षा में बाधा डालने का प्रयास कर रहा हैं तो केंद्र सरकार या राज्य सरकार रासुका कानून के तहत उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती हैं।
- धारा 3 उपधारा 1 खंड (ख) के अनुसार अगर केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार इस बात से संतुष्ट है कि कोई विदेशी व्यक्ति बार-बार भारत में आने की कोशिश कर रहा है और भारत से स्वयं भागने की व्यवस्था करने में लगा हुआ है तो केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार उसे रासुका कानून के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है।
- धारा 3 उपधारा 2 के अनुसार यदि केंद्र सरकार यदि राज्य सरकार को संतुष्ट हैं की कोई व्यक्ति देश की या राज्य की सुरक्षा में बाधा डालने का प्रयास कर रहा है और ऐसे कार्य कर रहा है जिससे देश व राज्य की सुरक्षा खतरे में आ सकते हैं तो उसे भी रासुका कानून के तहत गिरफ्तार करने हेतु आदेश दे सकता है।
- धारा 3 उपधारा 3 के अनुसार अगर केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार को संदेह होता है कि कोई व्यक्ति राज्य में देश की सुरक्षा में बाधा डालने का प्रयास कर रहा है तो केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार जिला दंडाधिकारी या फिर पुलिस कमिश्नर को यह आदेश दे सकती है कि वह स्थिति की जांच करें और उसके अनुसार रासुका कानून के अंतर्गत एक निश्चित अवधि तक उस व्यक्ति को हिरासत में ले।
रासुका कानून क्या है- इसमें कितने समय तक व्यक्ति हिरासत में रहता है?
रासुका कानून क्या होता है और इसके तहत गिरफ्तारी का आदेश कब जारी किया जाता है कि बारे में तो जानकारी हम आपको दे चुके हैं लेकिन अब आपको यह भी पता होना चाहिए कि रासुका कानून के अंतर्गत व्यक्ति को कितने समय तक के लिए हिरासत में लिया जा सकता है? तो जानकारी के लिए बता दें कि यह पूरी तरह से मामले के ऊपर निर्भर करता है समझने के लिए आपको निम्न बिंदु समझने होंगे:
- धारा 3 की उपधारा 3 के अनुसार राज्य सरकार के द्वारा पहली बार 3 महीने के लिए ही किसी व्यक्ति को हिरासत में लिया जाता है लेकिन अगर राज्य सरकार को लगता है कि व्यक्ति को हिरासत में रखना अधिक समय के लिए आवश्यक है तो राज्य सरकार इस समय अवधि को बढ़ा भी सकती है लेकिन एक समय में निरोध की अवधि 3 महीने से अधिक नहीं रहती।
- उपधारा 3 के अनुसार जब किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का आदेश किसी जिला स्तरीय अधिकारी के द्वारा बनाया जाता है तो उसे 12 दिन के लिए हिरासत में ले सकता है जिसके बाद उन 12 दिनों के अंतर्गत अधिकारी को राज्य सरकार को रिपोर्ट देनी होती है और उस रिपोर्ट के अनुसार आगे कार्यवाही की जाती है।
- उपधारा 4 के अनुसार धारा 8 के तहत हिरासत में लिए जाने वाले व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने का आधार या फिर कहा जाए तो कारण व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने के आदेश के 5 दिन के बाद लेकिन 10 दिन के अंदर बताना होता है जिससे की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा सके।
- उपधारा 5 के अनुसार जब किसी व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने का आदेश बनाया जाता हैं और राज्य सरकार के द्वारा व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने का आदेश दे दिया जाता है दो राज्य सरकार को 7 दिनों के अंदर केंद्रीय सरकार को बताना होता है कि व्यक्ति को हिरासत के अंतर्गत जो दिया गया है और साथ ही सभी तथ्यों के बारे में केंद्र सरकार को जानकारी देनी होती है।
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रासुका कानून के तहत अधिकतम कितने समय के लिए व्यक्ति को हिरासत में रखा जा सकता है?
अगर आप रासुका कानून के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो इसके लिए आपको ना केवल रासुका कानून क्या है और रासुका कानून के तहत गिरफ्तारी का आदेश कब जारी किया जाता है कि बारे में पता होना चाहिए बल्कि साथ में रासुका कानून के तहत अधिकतम कितने समय के लिए व्यक्ति को हिरासत में रखा जा सकता है इस बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
ऐसे में अगर आप नहीं जानते कि रासुका कानून के तहत अधिकतम कितने समय के लिए व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है तो जानकारी के लिए बता दें कि राजू का कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को अधिकतम 12 महीने के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। यह हिरासत का समय उस दिन से निर्धारित होता है जिस दिन व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है और उस से लेकर अगले 12 महीने तक के लिए ही उसे हिरासत में रखा जा सकता है।
रासुका में जमानत कैसे मिलती है?
रासुका एक लोकप्रिय कानून हैं जिसके बारे में लोगो के दिमाग मे कई सवाल चल रहे होते हैं जिनमे से एक सामान्य सवाल यह भी हैं कि आखिर रासुका में जमानत कैसे मिलती हैं? तो जानकारी के लिए बता दे की मौजूद जानकारी के अनुसार रासुका में सामान्य तौर पर जमानत नहीं मिलती क्युकी यह राष्ट्र सुरक्षा का मामला होता हैं। जब तक आरोपी से कोर्ट के द्वारा रासुका नहीं हटाई जाती, तब तक उसे जमानत नहीं मिलती (लेकिन हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं)।
निष्कर्ष!
अक्सर विभिन्न खबरों में रासुका कानून की बात की जाती हैं। लेकिन जो लोग कानून के क्षेत्र से नहीं हैं उन्हें इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं रहती। यही कारण हैं की हमने यह लेख तैयार किया हैं जिसमे हमने रासुका कानून क्या हैं,रासुका कानून में क्या प्रावधान हैं, रासुका कानून के तहत गिरफ्तारी का आदेश कब दिया जाता हैं और रासुका में जमानत कैसे मिलती हैं जैसे सवालों को कवर करते हुए रासुका कानून की पूरी जानकारी आसान भाषा में देने की कोशिश की हैं। उम्मीद हैं की यह लेख आपको पसंद आएगा।