हेलो दोस्तों आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं कि एग्रीमेंट लिखने का तरीका और एग्रीमेंट बनवाते समय किन किन बातों का ध्यान में होना जरूरी है। Rent Agreement in Hindi – इसके लिए रेंट एग्रीमेंट को एक बार जरूरी पढ़ लेना होता है। आप ध्यान पूर्वक हमारी इस पोस्ट को अगर पढ़ेंगे तो आपको एग्रीमेंट से संबंधित सभी जानकारियों को समझने में आसानी होगी।
एग्रीमेंट बनवाने के लिए आप किसी भी कार्य को किसी दूसरे व्यक्ति से करवाते हैं या फिर उस काम को करवाने का आप किसी व्यक्ति को ठेका देते हैं। तब आपके और सामने वाले व्यक्ति के बीच में एक एग्रीमेंट अर्थात समझौता साइन किया जाता है। यह इस बात का सबूत होता है कि भविष्य में अगर आपके काम के बीच में कोई समस्या आती है या फिर जो ठेकेदार है। वह आपका काम करने से मना कर देता है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
कोई भी कानूनी कदम उसके खिलाफ उठाया जा सकता है। इस तरीके से एग्रीमेंट का कार्य होता है, लेकिन जब भी एग्रीमेंट बनवाया जाता है तो उसको ध्यान पूर्वक पढ़ लेने में ही समझदारी होती है, क्योंकि उसमें क्या लिखा होता है क्या-क्या नियम और शर्तें होती हैं, उन सभी के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। तो आइए दोस्तों जानते हैं एग्रीमेंट क्या होता है और इससे संबंधित जो भी जरूरी जानकारी हैं उन सभी के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं…
Contents
- 1 एग्रीमेंट क्या होता है?
- 1.1 एग्रीमेंट की क्या मान्यता है
- 1.2 Rent Agreement in Hindi
- 1.3 Rent Agreement in Hindi – कुछ जरूरी जानकारी
- 1.4 रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
- 1.5 एग्रीमेंट बनाने से पहले जरूरी जांच अवश्य करें
- 1.6 मकान किराया देते समय ध्यान देने योग्य जानकारी
- 1.7 रेंट एग्रीमेंट से मिलने वाले लाभ
- 1.8 रेंट एग्रीमेंट लिखने का तरीका
- 1.9
- 1.10 निष्कर्ष
एग्रीमेंट क्या होता है?
जब भी आप किसी भी कार्य के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में किसी भी खरीद या बिक्री की बात होने पर उस बात को लिखित रूप में स्टांप पेपर पर लिखने के बाद में हस्ताक्षर किए जाते हैं। एक तरह से यह 2 या उससे अधिक व्यक्तियों के बीच में होने वाला यह समझौता पत्र होता है। उसी को एग्रीमेंट अर्थात समझौता भी कहते हैं। एग्रीमेंट पेपर कोर्ट में भी मान्यता प्राप्त होता है। क्योंकि एग्रीमेंट कर लेने के बाद में अगर कोई व्यक्ति आपके साथ में किसी तरह का धोखा, छल अगर करता है तो आप उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
अगर आप एग्रीमेंट पेपर सादा कागज पर तैयार करते हैं और उस पर साइन लेने के बाद कोट या पुलिस की मदद लेते हैं तो इसमें आपको कानूनन रूप से कोई मदद नहीं मिलेगी। जैसे जब भी कोई व्यक्ति किसी को उधार दे देते हैं ऐसी स्थिति में अगर आपने एग्रीमेंट पेपर तैयार करके पैसे दिए हैं तो आपके साथ कुछ भी गलत नहीं हो सकता है। एग्रीमेंट पेपर आप खुद से तैयार कर सकते हैं इसके लिए किसी वकील की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
एग्रीमेंट की क्या मान्यता है
एग्रीमेंट पेपर सबसे ज्यादा कोर्ट में मान्य होता है। एग्रीमेंट पेपर में जो भी बात तो सामने वाला व्यक्ति लिखता है अगर वह एग्रीमेंट पेपर में लिखवाई गई बातों के खिलाफ चला जाता है या उन सभी बातों से मुकर जाता है तो आप सामने वाले व्यक्ति को एग्रीमेंट पेपर को लेकर चुनौती भी दे सकते हो। इसके अलावा आप धोखाधड़ी और अन्य कई प्रकार के आरोप उस व्यक्ति पर लगा सकते हो। क्योंकि आप कानूनी रूप से सुरक्षित हैं और आपका अधिकार है। आप इस तरह का कदम उठा सकते हो। कोर्ट में मुकदमा की सुनवाई भी आपके पक्ष में होगी । अगर सिविल कोर्ट का सुनवाई आपके पक्ष में नहीं होती है तो आप आगे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी इसके लिए जा सकते हैं।
Rent Agreement in Hindi
आज के समय में लोगों की अतिरिक्त आमदनी का सबसे बड़ा साधन किराया हो गया है जिन लोगों के पास में अपनी कोई खाली प्रॉपर्टी या मकान पड़ा हुआ है तो उस प्रॉपर्टी या मकान को वो लोग किराए पर देकर अपने आय के साधनों में और बढ़ोतरी करने का माध्यम बना लेते हैं। क्योंकि आज बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए हर किसी इंसान के बस में अपना खुद का मकान या प्रॉपर्टी खरीदना नहीं होता है, इसीलिए आज हमारे देश में अधिकतर लोग रेंट पर अपना मकान लेकर जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं।
Rent Agreement in Hindi – एक ऐसा जरूरी कागजात होता है जो कि मकान मालिक और किराएदार के बीच में किया जाने वाला समझौता होता है इस समझौते के अंदर मकान से संबंधित उन सभी बातों का जिक्र होता है जिन पर किराएदार की सहमति भी होती है और उसके साइन होते हैं। पहले के समय में रेंट एग्रीमेंट लोगों की जुबानी तौर पर हो जाया करता था लेकिन बदलते समय के साथ में लोगों के चालक यों को देखते हुए आज इस रेंट एग्रीमेंट में यह सभी प्रकार के एग्रीमेंट में एक कानूनी रूप से ले लिया है आज हर कार्य के लिए दो लोगों के बीच में कानूनी रूप से कार्रवाई को ही सही समझा जाता है। इसीलिए इन सब प्रक्रियाओं को ही एग्रीमेंट में कानूनी रूप से शामिल किया गया है।
Rent Agreement in Hindi – कुछ जरूरी जानकारी
अगर आप रेंट एग्रीमेंट किसी भी प्रॉपर्टी या मकान के लिए बनवा रहे हैं तो उसके लिए कुछ विशेष ध्यान देने योग्य बातें होती हैं जो निम्न है..
- सबसे पहले रेंट एग्रीमेंट अगर मकान मालिक या आप बनवा रहे हैं तो कम से कम ₹100 के स्टांप पेपर पर अपना एग्रीमेंट बनवाए अक्सर लोग ₹50 के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट बनवा लेते हैं जो कि मान्य नहीं होता है।
- स्टांप पेपर एप के मुताबिक कोई भी जनरल एग्रीमेंट कम से कम ₹100 के स्टांप पेपर पर बनवाना अनिवार्य होता है।
- सबसे पहले रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए दोनों पक्षों का पूरा विवरण जैसे नाम, पिता का नाम, उम्र, स्थाई और अस्थाई पता इन सभी की जानकारी उसमें सही तरीके से लिखी हुई होनी चाहिए।
- रेंट एग्रीमेंट में मकान से संबंधित उन सभी शर्तों को भी लिखा जाना चाहिए जिनके आधार पर मकान मालिक अपने मकान को आप को किराए पर दे रहा है।
- मकान का किराया हर महीने कितना देना और किस तारीख को देना होता है उन सभी का भी विवरण भरना होगा।
- मकान में अन्य सुविधाएं जैसे पार्किंग गार्डन एरिया जिम और अन्य प्रकार की सुविधाएं उस मकान में उपलब्ध है इनकी जानकारी भी।
- मकान की मरम्मत का किराएदार को कितना चार्ज देना होगा उसके बारे में भी जानकारी।
- अतिरिक्त महीने का चार्ज कितना और किस महीने में ज्यादा देना पड़ेगा उसके बारे में भी।
- मकान कितने समय तक के लिए किराए पर दे रहे हो उसका वर्णन भी होना जरूरी है।
- सिक्योरिटी के रूप में कितना डिपॉजिट अर्थात कितनी रकम मकान मालिक को पहले दे रहे हो।
- अगर मकान के अंदर किराएदार कोई भी तोड़फोड़ करता है तो उसका पूरा खर्चा किराएदार को ही देना पड़ता है।
- मकान मालिक की अनुमति के बिना किराएदार मकान में कुछ नया नहीं करवा सकता है।
- मकान मालिक किराएदार से घर खाली करवाने के लिए उसको 1 महीने पहले लीगल नोटिस देगा इस बात को भी एग्रीमेंट में लिखना होगा।
मकान मालिक के द्वारा किराएदार के साथ में समझौता होता है उसमें यह सभी शर्तें लिखे जाते हैं इस सहमति पत्र पर अर्थात कांटेक्ट पर मकान मालिक और किराएदार दोनों अपनी सहमति से साइन अर्थात हस्ताक्षर कर देते हैं। यह सभी नियम और शर्तें लिखित रूप से होने के बाद में मकान मालिक और किसी भी किराएदार के बीच में कोई असमंजस की स्थिति नहीं होती है अगर भविष्य में मकान मालिक के द्वारा किराएदार के द्वारा कोई बदलाव होता है तो इन सब परिस्थितियों के लिए उसको लगभग 30 दिन पहले नोटिस देना होगा। उसके बाद ही दोनों पार्टियां कोई भी बदलाव कर पाएंगे।
रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
रेंट एग्रीमेंट अर्थात किरायानामा बनवाने के लिए जिन जिन जरूरी महत्वपूर्ण कागजातों की आवश्यकता पड़ती है उनकी जानकारी निम्न तरीके से नीचे दे रहे हैं..
- मकान मालिक और किराएदार की आधार कार्ड की ओरिजिनल और फोटो कॉपी
- दो गवाहों के नाम, उनका आईडी प्रूफ, आधार कार्ड की ओरिजिनल और फोटो कॉपी।
- स्टांप पेपर
- किराएदार और मकान मालिक के पासपोर्ट साइज का फोटो।
- मकान मालिक का किराया और सिक्योरिटी की राशि।
एग्रीमेंट बनाने से पहले जरूरी जांच अवश्य करें
हमने आपको रेंट एग्रीमेंट में होने वाली सभी नियम व शर्तों के बारे में ऊपर बता दिया है लेकिन अन्य और भी मकान से संबंधित जानकारियां होती हैं जिनके बारे में भी आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है..
गवाह की एबिलिटी – रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय आपकी रेंट एग्रीमेंट में जिन 2 लोगों की गवाही लगाई जा रही है उनका हवाओं का शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होना जरूरी है और उन गवाहों की उम्र 18 साल से ऊपर की होनी चाहिए उन दो गवाहों पर किसी प्रकार का कोई दबाव भी नहीं होना चाहिए।
रेंट एग्रीमेंट की समय सीमा रजिस्टर्ड करें – अगर आप अपना रेंट एग्रीमेंट सिर्फ नोटरी करवा रहे हैं तो एग्रीमेंट 11 महीने का ही बनवाना सही होगा, क्योंकि 11 महीने के आखिरी मिनट को सरकार की नजर में अनरजिस्टर्ड माना जाता है।
प्रॉपर्टी के ऊपर कोई विवाद तो नहीं – आप जिस प्रॉपर्टी को रेंट पर ले रहे हैं उसके बारे में यह जरूरी जानकारी प्राप्त कर लेने की उस प्रॉपर्टी पर किसी तरह का कोई कानूनी केस या कोई स्टे या किसी तरह का कोई मुकदमा तो नहीं चल रहा है।
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मकान किराया देते समय ध्यान देने योग्य जानकारी
अगर आप किसी भी मकान को किराए पर लेते हैं तो उसके लिए कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी है जिन को ध्यान में रखना जरूरी है..
1.पुलिस की वेरिफिकेशन – किसी दिन मकान को किराए पर देने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करवा लेना चाहिए जो कि कानून की नजर में आपके लिए बहुत ही सुरक्षित और जरूरी है पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान आपको यह पता चल जाएगा कि जो व्यक्ति आप की प्रॉपर्टी को किराए पर ले रहा है वह किसी अपराधिक प्रवृत्ति में तो नहीं है अगर वह व्यक्ति अपराधी प्रवृत्ति का है तो शायद आपको भविष्य में किसी भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
2.मकान का पूरा मेंटेनेंस – मकान की किसी भी प्रकार की रिपेयरिंग या कलर करवाने का पूरा अधिकार मकान मालिक का ही होता है किराएदार को भी यह अधिकार होता है कि वह इन सभी के बारे में मकान मालिक से अगर खुद से करवाता है तो वह मकान मालिक से कह सकता है।
3.किराए में बढ़ोतरी – अक्सर रेंट एग्रीमेंट बनवाते हैं तो वह 11 महीने के लिए ही मान्य होता है। जब नया एग्रीमेंट मकान मालिक बनवाता है तो उसमें 10% किराए की वृद्धि कर देता है। यह उसका हक होता है लेकिन कोई मकान मालिक 10% से भी अधिक किराए में बढ़ोतरी करता है तो इस पर किराएदार आपत्ति जता सकता है यह उसका अधिकार है।
4.मकान का असली मालिक – मकान किराए पर लेने से पहले किराएदार का यह जानना जरूरी है कि जिस व्यक्ति का मकान किराए पर ले रहे हैं,उसका असली मालिक कौन है अगर मकान मालिक की असली नहीं है तो जिस व्यक्ति से किराए पर ले रहे हो, उसके पास में रि-टेनेंसी का अधिकार है या नहीं यदि आप इस तरह की सावधानी नहीं रखते हैं, तो आपको मकान का असली मालिक बिना नोटिस दिए मकान खाली करवा सकता है।
रेंट एग्रीमेंट से मिलने वाले लाभ
रेंट एग्रीमेंट के द्वारा मिलने वाले लाभ निम्न होते हैं
- टैक्स में छूट – अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हो तो रेंट एग्रीमेंट के बेस पर आप टेक्निक सूट प्राप्त कर सकते हो बिना रेंट एग्रीमेंट के किराए पर रहते हो तो आप इनकम टैक्स रिटर्न के लिए क्लेम नहीं कर पाओगे
- रेजिडेंसी डॉक्यूमेंट के रूप – अगर आप रेंट एग्रीमेंट को रेजिडेंट डॉक्यूमेंट के रूप में उपयोग में लेते हैं तो यह आपके पास में एक मान्य रेजिडेंस प्रूफ होगा। इसका प्रयोग आप किसी भी रेजिडेंसी डॉक्यूमेंट के रूप में कर सकते हो। रेंट एग्रीमेंट का उपयोग गैस कनेक्शन लेने अपना पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, जरूरी जो भी दस्तावेज है उन सभी के लिए आप रेंट एग्रीमेंट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में काम ले सकते है।
रेंट एग्रीमेंट लिखने का तरीका
Rent agreement format in Hindi
आज दिनांक……….को श्री/श्रीमती…….पुत्र/पुत्री/ धर्मपत्नी/विधवा…..वर्ष…….निवासी…….तहसील…..
……जिला………राज्य……… प्रथम पक्ष के मालिक
और
आज दिनांक……….को श्री/श्रीमती…….पुत्र/पुत्री/ धर्मपत्नी/विधवा…..वर्ष…….निवासी…….तहसील…..
……जिला………राज्य……… द्वितीय पक्ष अर्थात किराएदार ।
इस अचल संपत्ति पर प्रथम पक्ष का कब्जा दिनांक…… से….. किराएदार मालिक की राशि….. प्रति महीने किराए के रूप में देनी स्वीकार की जाती है। द्वितीय पक्ष का किरायानामा दिनांक……. को किया गया है। प्रथम पक्ष ने अपनी राशि…. प्रतिमाह किराए पर द्वितीय पक्ष को निम्न शर्तों के ऊपर प्रधान की है।
द्वितीय पक्ष / किराएदार
- इस अवसर से इस भवन का कब्जा द्वितीय पक्ष को दिनांक……. से दे दिया गया है। इसका किरायानामा दिनांक…….तक मान्य रहेगा।
- किराएदार को किराए की सब्जी के दौरान मकान मालिक अर्थात प्रथम पक्ष को हर महीने……….₹ किराए के रूप में……. दिनांक तक प्रथम पक्ष को देने होंगे।
- इस अवधि के दौरान सरकारी लगान पानी बिजली का खर्चा सभी चीजें किराएदार अर्थात द्वितीय पक्ष खुद वहन करेगा जिसके बारे में प्रथम पक्ष अर्थात मालिक कोई आपत्ति नहीं खड़ी करेगा।
- अवधि के खत्म होने पर द्वितीय पक्ष प्रथम पक्ष को किराया वापस करेगा।
- इस अवधि के दौरान भुगतान की रसीद प्रथम पक्ष द्वितीय पक्ष को मिलेगी।
- उक्त अवधि के दौरान प्रथम पक्ष और द्वितीय पक्ष के बीच में किसी तरह का कोई वाद विवाद होता है तो पंच फैसला इन दोनों पक्षों को मानना होगा।
- वित्तीय पक्ष ने………₹( शब्दों में….)₹ नगद प्रथम पक्ष/ मकान मालिक को बतौर जमानत के रूप में अदा किए हैं जो कि बिना किसी ब्याज के प्रथम पक्ष वैद्यकीय पक्ष को संबंधित अचल संपत्ति के खाली कराते समय बकाया किराया और अन्य प्रकार की देनदारी के बाद काट के वापस किराएदार को दे दिया जाएगा।
- यदि किराएदार की किराए की समयसीमा बढ़ाई जाती है तो हर महीने…… के बाद….. प्रतिशत से किराएदार के किराए में वृद्धि की जाएगी किराएदार की समय सीमा प्रथम पक्ष अर्थात मकान मालिक की सहमति के द्वारा ही बढ़ाई जा सकती है
- द्वितीय पक्ष अपनी संपत्ति को केवल….. कार्य के लिए भी इस्तेमाल कर सकेगा.
- दितीय पक्षी इस अचल संपत्ति पर किसी तरह का कोई निर्माण कार्य है किसी तरह की कोई तोड़फोड़ या नया काम नहीं करेगा किसी अन्य व्यक्ति को भी किराए पर नहीं रखेगा प्रथम पक्ष अर्थात मकान मालिक को यह हक होगा कि वह किसी भी समय अपने मकान के निरीक्षण के लिए आ सकता है जिसमें द्वितीय पक्ष अर्थात किराएदार की कोई दखलंदाजी नहीं होगी।
उपरोक्त (Rent Agreement format in Hindi) किरायानामा में दोनों पक्ष एक वर्ष के लिए पावन रहेंगे और दोनों को इन सभी शर्तों का पालन करना होगा।
दिनांक – (…….)
प्रथम पक्ष का नाम: –
द्वितीय पक्ष का नाम: –
निष्कर्ष
आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को एग्रीमेंट कैसे लिखते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक आपको इस लेख में बताइए है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी हमने इस में जानकारी दी है वह जरूर पसंद आएगी। इसलिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके किसी के सुझाव या इससे संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जरूर बताएं।