आज हम आपको एक ऐसी धारा के विषय में जानकारी देंगे जिसके अंतर्गत जमानत कैसे होती है इसके बारे में जानकारी बताएंगे हम बात कर रहे हैं Sc / St act की। आइए जानते हैं “SC ST Act kya hai, SC/ST Act में जमानत कैसे होती है”
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं जब सन् 1947 में हमारा देश आजाद हुआ था तो उसके बाद 1950 में देश का संविधान लागू कर दिया गया था, लेकिन जब संविधान लागू किया गया था तो हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग थे जो अपने अधिकारों से वंचित रहे थे। भारतीय संविधान के द्वारा कुछ विशेष वर्ग जैसे अति पिछड़ा दलित आदि को समानता का मौलिक अधिकार मिल गया था, लेकिन फिर भी यह वर्ग भेद लगातार सदियों से भेदभाव का शिकार बनता जा रहा है। अगर इनके सामने आर्थिक परिस्थिति की बात की जाए तो स्थिति जैसे कि वैसे बनी रहती है। इसके अलावा सामाजिक स्थिति में भी यहां हालात बहुत खराब है। इसी व्यवस्था को देखते हुए सरकार के द्वारा एससी एसटी एक्ट को लागू करने की जरूरत पड़ी थी।
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SC/ST Act में जमानत
सबसे पहले तो आपको बता देना चाहेंगे कि एससी एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत नहीं मिल पाती है और जमानत का मिल पाना बहुत मुश्किल काम होता है। अगर शिकायतकर्ता प्रथम दृष्टया के साबित नहीं कर पाते हैं तो आरोपी को अग्रिम जमानत प्राप्त करने की अर्जी देने का अधिकार तो है लेकिन हाल ही में कोर्ट के द्वारा किए गए फैसले में अग्रिम जमानत पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जमानत में धारा 18 व 18- ए भी पूरी तरह से बाधक नहीं होगी।
एससी एसटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा 20 मार्च 2018 को काशीनाथ बनाम महाराष्ट्र के विवाद में एक निर्णय लेते हुए यह प्रावधान बताया गया था कि” एससी एचडी एक्ट के अंतर्गत किसी भी मामले की कानूनी कार्रवाई की जांच कम से कम डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी के द्वारा की जा सकती है।
पहले यह कार्य इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी किया करते थे। अगर किसी आम आदमी पर एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया जाता है तो इस मामले में उसकी गिरफ्तारी तुरंत नहीं होनी चाहिए बल्कि इसके लिए जिले के एसपी या एसएसपी से उसको परमिशन लेनी होगी।
किसी भी व्यक्ति के ऊपर अगर केस दर्ज हो जाता है तो उसको अग्रिम जमानत भी मिल सकती है।
अग्रिम जमानत देने या ना देने का अधिकार केवल न्यायाधीश के पास ही होता है। अभी तक अग्रिम जमानत के बारे में विशेष जानकारी नहीं है जमानत केवल हाई कोर्ट के द्वारा ही दी जा सकती है। किसी भी सरकारी कर्मचारी अधिकारी पर अगर केस दर्ज हो गया है तो उसकी भी गिरफ्तारी तुरंत नहीं की जा सकेगी बल्कि सरकारी अधिकारी के विभाग से उसके गिरफ्तारी वारंट के लिए परमिशन मांगी होगी।
न्यायालय के द्वारा पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर जांच पूर्ण रूप से समय पर हो गई जांच किसी भी तरह से 7 दिन से अधिक समय तक नहीं होनी चाहिए। इन नियमों की पूरी तरह से पालना न करने पर पुलिस पर भी अनुशासनात्मक और न्यायालय की अवमानना करने के संदर्भ में पूरे पुलिस डिपार्टमेंट पर कार्यवाही की जा सकती है।
SC ST Act kya hai
एससी एसटी एक्ट यह है जिसमें अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति के लिए हर तरह के सामाजिक और आर्थिक बदलाव होने के बाद भी उनको सिविल अधिकार कानून 1955 में भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत इस वर्ग के लोगों समस्याओं को सही तरीके से संबोधित नहीं किया जा रहा था। इनको देखते हुए सन 1989 में संसद के द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 जम्मू कश्मीर को हटाकर पूरे देश में लागू कर दिया गया था। इस पर राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर 30 जनवरी 1990 को किए गए थे। यह अधिनियम इस बात का प्रमाण देता है कि जब भी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह किसी एससी-एसटी वर्ग से संबंध रखने वाले किसी व्यक्ति को प्रताड़ित करता है, उसको नुकसान पहुंचाता है या उसके साथ किसी भी तरह की ज्यादती करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एससी एसटी 1989 के अंदर 5 अध्याय और संविधान की कुल 23 धारा को शामिल किया हैं।
SC/ST Act कब लगाया जाता है
SC/ST Act उपस्थिति में लगाया जाता है, जब अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अलावा कोई भी अन्य वर्ग का व्यक्ति किसी तरह की ज्यादती किसी एससी एसटी वर्ग के लोगों के साथ में करता है या अनुसूचित जाति जनजाति से संबंध रखने वाले व्यक्ति को प्रताड़ित करता है तो उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई की जाएगी।
SC/ST Act Punishment
भारत सरकार के द्वारा दलितों पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए भारतीय संविधान में यह विधान को परिभाषित किया है कि दलितों पर अत्याचार के विरुद्ध कठोर दंड निर्धारित किया जाएगा। इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अपराध संगे गैर जमानती अपराध माने जाते हैं और किसी भी अदालत में समझौता करने योग्य नहीं होते है। अर्थात किसी भी व्यक्ति ने अगर इन लोगों के साथ में किसी तरह का कोई अपराध किया है तो उसको भारतीय दंड संहिता के अनुसार कठोर सजा दी जाएगी। कम से भी कम नहीं तो एससी एसटी एक्ट में 6 महीने से लेकर 5 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किए गए SC/ST Act में बदलाव
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एससी एसटी एक्ट में बदलाव 20 मार्च 2018 को कर दिए गए थे। इस में सुप्रीम कोर्ट में किसी भी मामले के अंतर्गत तुरंत गिरफ्तारी पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत ना मिलने पर तुरंत मुकदमा भी दर्ज नहीं करने के आदेश दे दिए गए हैं। कोर्ट के द्वारा बताया गया है कि शिकायत मिलने की स्थिति में शुरुआत में जांच डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर के द्वारा ही की जाएगी। जांच हर साल 7 दिन के अंदर ही होनी चाहिए कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है ताकि शुरुआत में किसी भी मामले की जांच होने के बाद में डीएसपी के द्वारा यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी तरह से किसी व्यक्ति को झूठे आरोप में तो नहीं फंसाया जा रहा है। कोर्ट ने बड़े पैमाने पर इस कानून का गलत इस्तेमाल किए जाने की बात को भी मान लिया है क्योंकि आजकल लोग हर कानून का गलत फायदा उठा रहे हैं कोर्ट ने यह भी बताया है कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही की जा सकेगी। कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने के पूरे अधिकार भी दे दिए हैं।
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एससी/एसटी एक्ट में मिलने वाली सहायता राशि
एससी एसटी एक्ट अर्थात अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 के अनुसार उत्पीड़ित अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न की घटनाओं का सामना करना पड़ता है इन सभी घटनाओं से आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान बताया गया है यह राशि एफ आई आर दर्ज होने के बाद में प्रथम चरण में पीड़ित पक्ष को दे दी जाएगी। अगर जांच में अपराध नहीं मिला है तो उस पीड़ित व्यक्ति को ₹40000 से लेकर ₹500000 तक की आर्थिक सहायता दे दी जाएगी।
Conclusion
आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से “SC/ST Act में जमानत कैसे मिलती है- SC ST Act kya hai, SC ST Act Punishment‘ इसके बारे में जानकारी प्रदान की है हमें उम्मीद है कि जो भी इंफॉर्मेशन इस लेख के द्वारा आपको दिए वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं और आपको इस एक्ट से संबंधित कोई जानकारी जाननी है तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।