हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को ट्रेड यूनियन का महत्व बताएं के बारे में बताएंगे इसीलिए आप ध्यान पूर्वक इस लेख को पढ़ें, ताकि आप सभी लोगों को इसके बारे में जानकारी मिल सके, क्योंकि ट्रेड यूनियन खासकर श्रमिक भाइयों के लिए जो किसी फैक्ट्री या कारखाने में काम कर रहे हैं। उन सभी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण आज का विषय रहेगा। इसीलिए आप अंत तक हमारे इस लेख को जरूर पढ़ें (Trade union ka mahatva bataiye)…
भारत में ट्रेड यूनियन को ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 के द्वारा शासित किया गया है। जो कि मुख्य रूप से वेल्डर ट्रेड यूनियन गतिविधियों के संबंध में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए यूनियन नेताओं के संरक्षण को प्रदान करने के लिए ही अधिनियमित करती है। ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 2( एच) शब्द के अंतर्गत ही “ट्रेड यूनियन” को परिभाषित किया गया है।
तो चलिए आज हम आपको ट्रेड यूनियन का क्या महत्व है इस विषय में संपूर्ण जानकारी इस लेख के माध्यम से देने जा रहे हैं। साथ ही ट्रेड यूनियन क्या है, ट्रेड यूनियन के क्या फायदे हो सकते हैं, ट्रेड यूनियन का सही अर्थ इन सभी के बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी इस लेख के माध्यम से देने जा रहे हैं आइए जानते हैं…
Contents
ट्रेड यूनियन क्या है?
दोस्तों सबसे पहले आपको बताना चाहेंगे कि ट्रेड यूनियन एक ऐसा संगठन होता है, जो किसी भी व्यापार कंपनी आदि में काम कर रहे कारीगरों श्रमिकों के द्वारा अपने संरक्षण उनके हित और उनके अधिकारों को प्रतिनिधित्व करने के लिए ही बनाया जाता है। अर्थात ट्रेड यूनियन एक ऐसा संगठन है, जो किसी भी बड़े व्यापार कंपनी में काम कर रहे श्रमिकों और मालिक के बीच आपसी संबंधों को सुधारने और उस को संतुलित बनाए रखने का काम भी करता है।
यह एक संगठन के रूप में यह नियुक्त किया जाता है। इस संगठन के माध्यम से सभी श्रमिक नियोक्ता अपनी अनेक मांगों की पूर्ति के लिए अलग-अलग तरीके से कंपनी के मालिक से अनुरोध कर सकते हैं। एक तरह से देखा जाए तो ट्रेड यूनियन का गठन या ट्रेड यूनियन का बनाना न केवल श्रमिकों के द्वारा मांगी जाने वाली किसी भी मांग की पूर्ति के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि उन सभी में अनुशासन और संपूर्ण उत्तरदायित्व की भावनाओं को बढ़ावा देने उन को विकसित करने के लिए भी इस संगठन का निर्माण किया जाता है।
“ट्रेड यूनियन” का अर्थ
अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो ट्रेड यूनियन जिसको हिंदी में श्रमिक संघ भी कहा जाता है। यह एक ऐसा संगठन होता है।जो सभी श्रमिकों के हितों का हमेशा आप प्रतिनिधित्व करता है। मजदूर संगठन हमेशा मजदूरों को मजदूरी घंटे फायदे और अन्य कामकाजी परिस्थितियों से निबटने के लिए उन को एकजुट करने में भी पूरी तरह मदद करता है। यह श्रमिक संगठन अर्थात यूनियन ट्रेड कहलाता है।
ट्रेड यूनियन
ट्रेड यूनियन को बनाने का उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं…
- मजदूर व श्रमिकों उचित व कम से कम मजदूरी प्रदान करवाना होता है। समय-समय पर श्रमिकों को बोनस भी उनकी तनख्वाह के साथ दिलवाना इस संगठन का उद्देश्य होता है।
- किसी भी व्यापार के लिए या कंपनी के लिए काम करने वाले मजदूर व्यक्तियों व श्रमिकों के लिए उचित अवकाश की व्यवस्था करना और नियोक्ता द्वारा लिया गया हर एक डिसीजन सभी श्रमिकों के हित में सही लिया जाता है।
- किसी भी श्रमिक का शोषण ना हो उनको पूरा संरक्षण प्रदान करना।
- मजदूर वर्ग का जीवन स्तर सुधार करने में उनसे संबंधित सभी कार्य उनके हित के लिए किए जाते हैं श्रमिकों की कार्य परिस्थिति में सुधार लाने का भी प्रयत्न करना ट्रेड यूनियन का उद्देश्य है।
- श्रमिकों का प्रमोशन अर्थात पदोन्नति एवं उनके संरक्षण के लिए हर समय काम करना और किसी भी कार्य परिस्थिति में सुधार लाने के सभी तरीके के प्रयत्न करना भी इस संगठन का उद्देश्य होता है।
- मजदूर वर्ग के लोगों को शैक्षिक सांस्कृतिक और मनोरंजन जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है इसके अलावा उत्पादन अनुशासन और जीवन में सभी सुधार लाने के लिए भी मदद प्रदान करना।
- श्रमिक और नियोक्ता के बीच में आपसी संबंधों को सुधारने और उनका काम करने के लिए संतुलन बनाए रखना इसका उद्देश्य होता है।
रजिस्ट्रेशन
ट्रेड यूनियन अर्थात (Trade union act 1926 in Hindi) श्रमिक संगठन ट्रेड यूनियन 1926 एक्ट 4 के मुताबिक यूनियन के लिए रजिस्ट्रेशन का प्रावधान बताया गया है। इसमें बताया गया है कि 7 या उससे भी अधिक सदस्य एकजुट मिलकर ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन करवाने से पहले उनको यूनियन अधिनियम में लिखी जाने वाली सभी शर्तों को पूरा करना होगा। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन के लिए यूनियन अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत एक प्रार्थना पत्र देना होगा। जिसमें ट्रेड यूनियन से संबंधित सभी सदस्यों का स्पष्ट और पूर्ण रूप से विवरण होगा।
प्रार्थना पत्र रजिस्ट्रार को देना
ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत ट्रेंड यूनियन रजिस्ट्रेशन के लिए एक आवेदन पत्र सबसे पहले रजिस्ट्रार के समक्ष देना होता है। इस प्रार्थना पत्र में श्रमिक संघ के नियम व शर्तों की एक कॉपी और उसमें कुछ निम्न विवरण भी प्रस्तुत किए जाएंगे। जो इस तरह से होंगे : –
- सबसे पहले प्रार्थना पत्र देने वाले सभी व्यक्तियों के नाम उनका निवास स्थान और व्यापार का स्पष्ट और पूर्ण विवरण उसमें भरना होगा।
- कर्मकार व्यवसाय संघ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले व्यापार संघ के सदस्यों का नाम उनका पेशा और काम करने वाली जगह का पूरा विवरण करना होगा।
- श्रमिक संघ का नाम पता और उनके मुख्यालय का नाम की जानकारी भरनी होगी।
- श्रमिक संघ के सभी पदाधिकारियों के नाम उनकी उम्र पता उनके पद का नाम और व्यवसाय का विवरण भी अस्पष्ट रुप से भरना होगा।
- सभी व्यक्तियों के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से करने होंगे।
- एक ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने से पहले 1 साल से अधिक समय में अस्तित्व में होंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर अन्य सूचना के साथ में स्टार को तैयार ट्रेड यूनियन की संपत्ति व देनदारी का एक सामान्य विवरण एक निर्धारित प्रपत्र भरकर देना होगा।
रजिस्ट्रेशन ना करने की स्थिति
ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 7 के अनुसार रजिस्ट्रार को कुछ शक्तियां प्राप्त होती हैं जिससे रजिस्ट्रेशन के लिए वह आप से अतिरिक्त विवरण की मांग कर सकता है या उनमें कुछ बदलाव करने के भी आदेश दे सकता है यह अधिकार रजिस्ट्रार को प्राप्त होता है।
- आवेदन पत्र प्रस्तुत करने वाले संघ से रजिस्ट्रेशन से संबंधित अतिरिक्त सूचना की मांग को रजिस्ट्रार कर सकता है यदि मांगी गई अतिरिक्त जानकारी उनके द्वारा नहीं दी जाती है तब तक उस संघ को वह रजिस्टर्ड करने से मना कर सकता है।
- यदि किसी तथा वित्त श्रमिक संघ का नाम किसी अन्य वर्तमान व्यवसाय संघ से मिलता हुआ है जिससे जनता का या उस व्यवसाय संघ में किसी सदस्य का किसी धोखाधड़ी का शिकार ना हो तो रजिस्टर उस प्रस्तावित नाम को बदलने के लिए कह सकता है।
- श्रमिक संघ प्रस्तावित नाम जो वर्तमान में एक किसी अन्य संगठन का है ओर रजिस्ट्रार के कहने पर नाम परिवर्तन अगर वह नहीं करता है तो रजिस्ट्रार को पूरा अधिकार दिया जाता है कि जब तक उस संघ का नाम ना बदल दिया जाए तब तक वह उस संघ के रजिस्ट्रेशन को करने से मना कर सकता है।
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यूनियन का रजिस्ट्रेशन
ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 8 के अंतर्गत जब रजिस्ट्रार को सभी बातों की पूरी तरीके से संतुष्टि हो जाती है तो वह आवेदन करने वाले श्रमिक संघ के द्वारा ट्रेड यूनियन अधिनियम में बताई गई रजिस्ट्रेशन से संबंधित सभी औपचारिकताओं को जो कि पूरी की जा चुकी है सब रजिस्टार के द्वारा और श्रमिक संघ का रजिस्ट्रेशन कर के श्रमिक संघ के संगठन का नाम एक विशेष रजिस्टर में चढ़ा या भर दिया जाता है। इस तरह से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
श्रमिक संघ रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत धारा 8 के अंतर्गत श्रमिक संघ की रजिस्ट्री हो जाने के बाद में रजिस्टर एक रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र को जारी करता है। जो इस बात का प्रमाण देता है कि श्रमिक संघ को ट्रेड यूनियन अधिनियम के अंतर्गत विधिवत रूप से रजिस्टर्ड कर दिया गया है अर्थात यह भविष्य में ट्रेड यूनियन संघ कहलायेगा।
रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन के अधिकार (Rights)
रजिस्टर्ड अर्थात पंजीकृत ट्रेड यूनियनों के अधिकार कुछ इस तरह के होते हैं…
- प्रवेश का अधिकार – किसी भी ट्रेड यूनियन के सदस्य के रूप में प्रवेश का पूरा अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
- प्रतिनिधित्व करने का अधिकार – अगर कोई कर्मचारी लिखित रूप में अथॉरिटी प्रदान करता है तो ट्रेड यूनियन कर्मचारी या व्यक्तिगत विवाद की तरफ से वह एक का प्रतिनिधित्व भी कर सकता है।
- रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन अपने नाम पर चल अचल संपत्ति खरीद सकता है।
- अनुबंध का अधिकार – एक रजिस्टर्ड व्यापार संघ अपने नाम पर एक कांटेक्ट (अनुबंध) कर सकता है कि यह एक कानूनी व्यक्ति है।
- समामेलन का अधिकार – ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 की धारा 24 के अनुसार कोई भी दो या उससे ज्यादा की रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन ऐसे ट्रेड यूनियन के फंड के वेतन या विभाजन के साथ या बिना ट्रेड यूनियन के रूप में एक साथ सम्मिलित हो सकती है। लेकिन ऐसे ट्रेड यूनियन के कम से कम आधे सदस्य रिकॉर्ड किए जाते हैं और रिकॉर्ड किए गए कम से कम 60% वोट प्रस्ताव के पक्ष में हो।
- खाता बही निरीक्षण करने का अधिकार – ट्रेड यूनियन अधिनियम की धारा 20 के मुताबिक किसी रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन का खाता भाई और उसके कैंडिडेट की सूची ऐसे पदाधिकारियों या ट्रेड यूनियन के सदस्यों के द्वारा निरीक्षण करने के लिए हमेशा खुली होगी।
- मुकदमा करने का अधिकार – ट्रेड यूनियन एक रजिस्टर्ड न्यायिक शक्ति के रूप में होती है इसलिए इसको मुकदमा करने का भी छुट्टी भी व्यक्ति पर अधिकार किसी गलत परिस्थिति के लिए हो सकता है।
- नाम बदलने का अधिकार – ट्रेड अधिनियम की धारा 23 के अनुसार कोई भी रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन सदस्यों की कुल संख्या दो तिहाई की सहमति के साथ में और धारा 25 के प्रावधानों के अनुसार अपना नाम बदल सकता है।
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से ट्रेड यूनियन संगठन के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा ट्रेड यूनियन संगठन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया उसके अधिकार इनका वर्णन भी इस लेख में किया है आप के सभी सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल जाएंगे हमें उम्मीद है कि जो भी जानकारी आपको इसमें दी है वह आपको जरूर पसंद आएगी अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।