आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से 354 IPC in Hindi– धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है, धारा 354 से बचने के उपाय, 354 धारा क्या है, धारा 354 b में जमानत कैसे मिलती है, उसके विषय में जानकारी देने जा रहे हैं…
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धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है – 354 IPC
धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है? सबसे पहले तो आप को बता देना चाहते हैं कि आईपीसी 354 के अंतर्गत आने वाला अपराधिक गैर जमानती अपराध होता है इस अपराध में स्त्री की लज्जा भंग करने या उस पर किया गया हमला या फिर अपराधिक बल का प्रयोग जैसी वारदातों को शामिल किया गया है।
354 IPC in Hindi: यह गैर जमानती अपराध इसलिए होता है क्योंकि इसमें स्त्री को नुकसान पहुंचाने के लिए अपराधी व्यक्ति को जमानत मिल पाना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि भारतीय कानून में आज स्त्रियों को लेकर बहुत से ऐसे कानून बनाए गए हैं। जिनसे आज कहीं ना कहीं महिलाएं अपने आप को सुरक्षित समझ सकती हैं। इस अपराध के अंतर्गत कोर्ट के द्वारा अगर वकील सही मिल जाता है तो उसी स्थिति में जमानत के थोड़े चांसेस मिल जाते हैं।
आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत होने वाले अपराध को एक जघन्य अपराध की श्रेणी में माना जाता है और इस अपराध की प्रकृति गैर जमानती वाली होती है। इसके अलावा भी सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें यह होती है कि जो अपराधी व्यक्ति है। उसके द्वारा पीड़ित पक्ष से यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होते हैं। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो पीड़ित महिला के द्वारा इस अपराध में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
धारा 354 से बचने के उपाय- वकील की आवश्यकता
आईपीसी सेक्शन 354 के अंतर्गत इस अपराध को बहुत ही संगीन अपराध माना गया है क्योंकि यह अपराध किसी भी स्त्री की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से किया गया अपराध है इसमें महिला पर आपराधिक बल का प्रयोग करना और हमला करने के उद्देश्य से बड़े अपराध को इसमें शामिल किया गया है। इसीलिए अपराधी व्यक्ति को इस धारा के अंतर्गत सजा का प्रावधान हमारे कानून में वर्णन किया गया है।
धारा 354 से बचने के उपाय- इसके अलावा इस अपराध में अगर आरोपी व्यक्ति की जमानत की बात की जाए तो यह अपराध किसी भी स्त्री की इज्जत को छेड़छाड़ के उद्देश्य से उस महिला के साथ में अपराधिक बल का प्रयोग करना इसीलिए जमानत मिल पाना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि महिला के साथ में किसी भी तरह के अपराध को हमारे कानून में अब मान्यता नहीं दी गई है। ऐसे अपराधों के लिए तो अपराधी व्यक्ति को जमानत मिल पाना बहुत मुश्किल होता है। और निर्दोष साबित करना तो उससे भी बड़ा मुश्किल काम होता है।केवल इन्हीं सब परिस्थितियों से निकलने के लिए एक ही व्यक्ति ऐसा है। जो शायद अपराधी को जमानत दिलवाने में थोड़ी मदद कर सके वह व्यक्ति वकील होता है।
जिससे कि आरोपी व्यक्ति उस पर लगाए गए आरोपों से शायद बच जाए लेकिन इन सब के लिए वकील भी एक परफेक्ट वकील होना चाहिए। जो इन सब कार्यों को बहुत अच्छे से जानता हो और कानूनी दांवपेच सही तरीके से खेलना जानता हो।
धारा 354 से बचने के उपाय – इसके अलावा वह वकील आईपीसी 354 से जुड़े हुए सभी मामलों के अंतर्गत निपुण होना चाहिए। ताकि किसी भी तरह के अपराध के लिए वह अपराधी व्यक्ति को अदालत के द्वारा सभी लगाए गए आरोपों से उसको मुक्त करवाकर जमानत दिलवा सके। इस तरह से आप के केस जीतने के चांस ज्यादा मिल जाएंगे। अगर आप का वकील अच्छा नहीं होगा तो शायद आपको इस केस में कभी जमानत ना मिल पाए।
354 धारा क्या है- 354 IPC in Hindi
354 धारा क्या है: आईपीसी सेक्शन 354 के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी स्त्री की लज्जा भंग करने या उस पर गलत लांछन लगाने का प्रयास करता है या फिर उसी स्त्री पर किसी तरह का हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करता है तो वह व्यक्ति अपराध की श्रेणी में माना जाता है और स्त्री पर इस तरह के आरोप की वजह से उस व्यक्ति को 1 साल से 5 साल तक की सजा या फिर जुर्माना या दोनों से ही वह व्यक्ति दंड का अधिकारी रहेगा।
हम समाचार न्यूज़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन सभी के माध्यम से आए दिन कुछ ना कुछ अपराध होते हुए देखते हैं या सुनते है। अक्सर आपने देखा होगा कि हमेशा महिलाओं बच्चियों के साथ में अधिक अत्याचार होते हुए देखा जाता है या फिर सुनने को भी मिल जाता है। हमारे समाज में अनेकों अत्याचार होते हुए दिखाई देते हैं। इनमें सबसे अधिक अत्याचार देखने को और सुनने को मिलेंगे तो वह है महिलाओं के बारे में। सरकार के द्वारा इन सभी अत्याचारों को रोकने के लिए समय-समय पर अनेकों प्रयास किए जाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सब अपराध भारतीय दंड संहिता के अनुसार किस श्रेणी में आते हैं। आज हम आपको स्त्रियों पर होने वाले अत्याचारों को किस धारा के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके बारे में भी जानकारी देने वाले हैं क्योंकि अक्सर महिलाएं बच्चियां लड़कियां इन सभी को किसी ना किसी कारण से किसी भी अपराध का सामना करने को मिल सकता है। इस वजह से कानून की इन धाराओं के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
लेकिन इसमें अब अपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2013 के द्वारा धारा आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत कई उप धाराएं तैयार करके 354a 354b 354c 354d इसमे जोड़ी गई है। जो कि निम्न प्रकार से हैं..
354 A
धारा 354A के अंतर्गत अवांछनीय शारीरिक स्पर्श वह अगर क्रियाएं या फिर लैंगिक संबंधों की स्वीकृति बनाने की मांग लिया अनुरोध अश्लील साहित्य दिखाना जैसी वारदातों को शामिल किया गया है इसी तरह के लैंगिक आभासी टिप्पणियों की प्रकृति का लैंगिक उत्पीड़न भी इसमें जोड़ा गया है इसमें आरोपी को 1 साल से 3 साल तक जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों भी किए जा सकते हैं।
354B
इस धारा के अंतर्गत किसी भी महिला को व्यवस्था करने का आशय स्त्री पर हमला उस पर अपराधिक बल का प्रयोग किया जाना शामिल है जिसमें उसे नग्न होने के लिए जोर जबरदस्ती करना और ऐसा करने वाले को 3 साल से 7 साल की और जुरमाना हो सकता है।
354C
धारा 354C के अंतर्गत दृश्यरतिकता अर्थात किसी भी स्त्री को भर कर देखना, या ऐसी अवस्था में जिसमे उसे नहीं देखा जाना चाहिए था या उसे लगता हो की यहाँ उसे कोई देख नहीं पायेगा, इस धारा के माध्यम उस व्यक्ति के खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है और आरोपी की जमानत भी इसमें शामिल नहीं है अर्थात आरोपी की जमानत नहीं हो सकती है।
ऐसे में पहले अपराध पे 1 से 3 साल की सजा और दूसरी बार अपराध दोहराने पर काम से काम 3 साल जिसे 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है की सजा हो सकती है।
354D
इस धारा के अंतर्गत किसी लड़कियां महिलाओं का अगर कोई व्यक्ति पीछा करता है तो उसको इसमें शामिल किया गया है अर्थात किस तरह की वारदातें इसमें शामिल है जिसके अंतर्गत आरोपी की जमानत भी नहीं हो सकती है।
ऐसे में पहले अपराध पे 3 साल तक की सजा और दूसरी बार अपराध दोहराने पर 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है की सजा हो सकती है।
धारा 354 b में जमानत कैसे मिलती है
सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि यह अपराध एक गैर जमानती अपराध माना जाता है अर्थात इसका तात्पर्य यह होता है कि मैं जमानत आसानी से अपराधी को नहीं मिल पाती है कोर्ट के द्वारा ही अगर वकील सही हो तभी जमानत मिल पाती है इसके अलावा यह एक प्रकृति गैर जमानती है अपराध है इसके अलावा यहां पीड़ित महिला के द्वारा यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है।
धारा ३५४ ख में जमानत कैसे मिलती है? IPC धारा 354B के अनुसार,
354 b IPC in Hindi कोई पुरुष, जो किसी स्त्री को विवस्त्र करने या निर्वस्त्र होने के लिए विवश करने के आशय से उस पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा या ऐसे कार्य का दुष्प्रेरण करेगा, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से न्यून नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, से दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
आईपीसी 354 b (३५४ ख) के अंतर्गत आने वाला अपराध गैर जमानती अपराध होता है, लेकिन कोर्ट को अगर ऐसा लगे तो जमानत मिल सकती है लेकिन चांस कम होते हैं।
354 IPC punishment
354 IPC in Hindi: भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार किसी भी स्त्री की लज्जा को भंग करने का मतलब उस पर किया गया हमला या अपराधिक बल का प्रयोग इस तरह के अपराध को वारदातों को इसमें शामिल किया गया है। इसमें सजा का जो प्रावधान बताया गया है वह कम से कम 1 साल से 5 साल तक की सजा हो सकती है जिसके बारे में ऊपर बताया गया है या उसको आर्थिक दंड से भी दंडित किया जाएगा। यह अपराध गैर जमानती अपराध होता है और संघीय अपराध की श्रेणी में यह माना जाता है। इस अपराध के तहत किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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निष्कर्ष
आज हमने आपको इस पोस्ट में “354 IPC in Hindi, धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है, धारा 354 से बचने के उपाय, 354 धारा क्या है, धारा 354 b में जमानत कैसे मिलती है” इसके विषय में जानकारी प्रदान की है। अगर आपको आईपीसी 354 के तहत जमानत के विषय में किसी तरह की जानकारी के विषय में जानना है तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें और कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं इसी तरह की पोस्ट को पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर भी कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं।