Section 504, 506 IPC in Hindi: हेलो दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी को धारा 504, 506 क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं। अगर आप भारतीय दंड संहिता कानून की इन धाराओं के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो आप इस लेख को ध्यान पूर्वक अंत तक पढ़े। ताकि आपको धारा 504, 506 क्या है बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके।
आपने अपने आसपास के माहौल में कभी कोई बड़ा झगड़ा, वाद विवाद, मारपीट, गाली-गलौज इस तरह की नौबत देखी है। क्योंकि इस तरह की घटना आपको रोजाना कहीं ना कहीं अपने आसपास ही देखने को और सुनने को मिल ही जाएंगे। इस तरह के विवादों में नौबत इतनी आ जाती है कि जो भी घायल पक्ष होता है वह पुलिस को बुला लेते हैं क्योंकि बिना पुलिस के इस तरह की वारदात को सहना कानून की नजर में बिल्कुल गलत है। धमकी मारपीट गाली-गलौज करने वालों के खिलाफ हमेशा पुलिस एफ आई आर दर्ज करवानी जरूरी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब लोग धमकी मारपीट गाली-गलौज करते हैं तो इन सभी के विरुद्ध पुलिस कौन से अधिनियम और किस अधिनियम की धारा के अंतर्गत FIR को दर्ज करती है, क्या आपने कभी सोचा है या जानने की कोशिश की है। इसीलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारतीय दंड संहिता की आईपीसी की धारा 504, 506 के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
वैसे हमारे कानून में बहुत सी धाराओं का प्रावधान है जो कि अलग-अलग जुर्म के लिए निर्धारित की गई है आज हम जिन धारा की बात कर रहे हैं उनमें से 504 और 506 के अंतर्गत किस जुर्म की सजा का प्रावधान है इसके बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं…
Contents
धारा 504 क्या है (504 IPC in Hindi)
आईपीसी की धारा 504 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को उकसाने के इरादे से उसका जानबूझकर अपमान करता है और यह जानते हुए भी कि उसके उकसाने से उस व्यक्ति को लोगशांति भंग करने या अन्य किसी भी अपराध के कारण सजा हो सकती है। इस तरह की वारदात को अंजाम अगर कोई भी व्यक्ति देता है, तो 2 वर्ष तक के लिए उसको कारावास की सजा बढ़ाई जा सकती है या आर्थिक दंड या फिर दोनों ही तरह का दंड व्यक्ति को दिया जा सकता है।
धारा 506 क्या है (506 IPC in Hindi)
भारत में भारतीय दंड संहिता अर्थात आईपीसी की धारा 506 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को अपराधिक धमकी देने का जघन्य अपराध अगर करता है तो उस व्यक्ति को दंड दिया जाएगा क्योंकि आईपीसी की धारा 506 में किसी को धमकी देने के अपराध में कारावास की 2 साल की सजा अपराधी व्यक्ति को हो सकती है
धारा 504 व 506 में अंतर
भारतीय दंड संहिता में हर अपराध को जुर्म की श्रेणी में रखा जाता है इसीलिए धारा 504 और 506 के अंतर्गत अगर कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को अपमानित करता है और व्यक्ति के साथ गाली गलौज करता है धमकी देता है या फिर जान से मारने की, उसको आग से जलाने की, या उसकी किसी संपत्ति को नष्ट करने की कोई धमकी देता है तो ऐसे व्यक्ति पर हमारे भारतीय कानून की दंड संहिता की धारा 504 और 6 के अंतर्गत सजा मिलती है। आइए थोड़ा और विस्तार पूर्वक भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के बारे में आपको बताने जा रहे हैं ताकि किसी तरह का कोई कंफ्यूजन आपके दिमाग में ना रहे
1.भारतीय दंड संहिता की धारा 504 क्या है
कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को जानबूझकर अगर परेशान करता है या फिर का अपमान करता है इस तरह से उस व्यक्ति के उकसाता है और वह संभवत जानता भी है कि उसके उकसाने से लोग शांति को भंग की जाएगी और कोई अपराध करता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा के अंतर्गत उसको दंडित किया जा सकता है इसकी अवधि 2 साल की हो सकती है या फिर उसको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है या दोनों ही तरह से उसको सजा मिल सकती है।
साधारण शब्दों में अगर कहे तो इस तरह के अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत जुर्म करने वाले व्यक्ति को 2 साल की कारावास जुर्माना या फिर दोनों ही भरने पड़ सकते हैं यह अपराध जमानती अपराध की श्रेणी में आता है और इस अपराध को संगे अपराध कहा जाता है किसी न्यायालय में विचार नहीं है अपराध है या नहीं इसके विषय में मजिस्ट्रेट इस अपराध पर विचरण कर सकता है इस तरह का अपराध समझौते योग्य है या नहीं यह पीड़ित पक्ष पार के ऊपर डिपेंड करता है कि उसको समझौता करना है या फिर नहीं करना है इस तरह से धारा 504 के अंतर्गत अपराधी को सजा का प्रावधान रखा गया है।
आईपीसी की धारा में मुख्य रूप से जिन शब्दों को अपराध माना गया है
अगर भारतीय दंड संहिता के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी गलत तरह की गतिविधि के दौरान इन शब्दों का प्रयोग करता है तो वह दंड का अधिकारी होता है
जानबूझकर
इरादतन
अपमान
उकसाना
जानना
लोकशांति भंग
अपराध
अगर जानबूझकर किसी का अपमान करना उकसाना और यह जानना है कि उसके इस तरह से उकसाने से कोई भी व्यक्ति शांतिभंग करेगा और कोई अन्य तरह का अगर अपराध करेगा तो इस तरह अपराध करने वाले व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के तहत उस को दंड दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें,
मुकदमा कैसे करे- कोर्ट में मुकदमा कैसे करें?
Mobile Chori Application in Hindi -शिकायत कैसे दर्ज करे?
रासुका कानून क्या है – रासुका में जमानत कैसे मिलती है
Trade union ka mahatva bataiye- ट्रेड यूनियन का महत्व बताएं
2.भारतीय दंड संहिता 506 : अपराधिक धमकी के लिए दंड
आईपीसी की धारा 506 के अंतर्गत जो भी कोई व्यक्ति अपराधिक धमकी देने का अपराध अगर करता है तो उसको या तो 2 साल की सजा हो सकती है या फिर उसको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है या फिर उसको सजा और जुर्माना दोनों ही तरह के दंड से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 के तहत जिन अपराधी व्यक्ति के की सजा की जानकारी
सजा – अपराधी व्यक्ति को धारा 506 के अंतर्गत 2 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।
जमानतीय / अजमानतीय
धारा 506 के तहत जो सजा का अधिकारी होगा उसका अपराध जमानतीय होगा।
संघेय / असंघेय – आईपीसी की धारा 506 के तहत इस अपराध को असंघेय श्रेणी में रखा जाता है।
न्यायालय में विचारणीय – अपराधी का यह मामला किसी भी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारणीय रहेगा।
धमकी, मृत्यु या गंभीर चोट आदि कारण होने पर
यदि कोई व्यक्ति मृत्यु करने की धमकी या गंभीर क्षति करने की धमकी, अपराधी व्यक्ति के द्वारा किसी की संपत्ति का नाश करने की धमकी, किसी स्त्री के अस्तित्व पर गलत आरोप लगाने की धमकी, इस तरह की धमकी देने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड से या आजीवन कारावास इन दोनों में से व्यक्ति को किसी भी एक दंड से दंडित किया जाएगा। ऐसे अपराधों के लिए कारावास की अवधि 7 साल की हो सकती है या फिर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है या दोनों ही तरीके से अपराधी व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है।
सजा
इस तरह के अपराध के लिए 7 साल का कारावास या फिर जुर्माना भरना पड़ सकता है या दोनों ही कार्य करने पड़ सकते हैं।
जमानतीय / गैर जमानतीय
इस तरह के अपराध के लिए जमानत हो सकती हैं।
संघेय / असंघेय
यह अपराध एक संघीय अपराध की श्रेणी में आता है।
न्यायालय में विचार
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा यह अपराध विचारणीय रहेगा।
निष्कर्ष
भारतीय दंड संहिता 504 व 506 के अंतर्गत अपराधी व्यक्ति को भारतीय कानून के तहत 2 साल में 7 साल की सजा का प्रावधान बताया गया है। आप सभी को इस लेख के माध्यम से जो हमने भारतीय दंड संहिता 504 और 506 के बारे में जो भी जानकारी दी है, उसको आप भली-भांति समझ गए होंगे। हमें उम्मीद है कि जो भी आपको इस लेख के माध्यम से जानकारी दी है, आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं, और आपको यह पोस्ट पसंद आए तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।