क्या आप “IPC 354 in hindi” के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईपीसी की धारा 354 क्या कहती है इसके अंतर्गत किस अपराध का वर्णन किया गया है, IPC की धारा 354 में सजा का प्रावधान क्या है, इन सब बातों की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप सभी को देने वाले हैं, इसलिए आप अगर इनके बारे में जानने के इच्छुक हैं तो अंत तक हमारे लेख को जरुर पढ़े ताकि आपको सही व सटीक जानकारी प्राप्त हो सके…
IPC 354 in hindi : – हम समाचार न्यूज़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन सभी के माध्यम से आए दिन कुछ ना कुछ अपराध होते हुए देखते हैं या सुनते है। अक्सर आपने देखा होगा कि हमेशा महिलाओं बच्चियों के साथ में अधिक अत्याचार होते हुए देखा जाता है या फिर सुनने को भी मिल जाता है। हमारे समाज में अनेकों अत्याचार होते हुए दिखाई देते हैं। इनमें सबसे अधिक अत्याचार देखने को और सुनने को मिलेंगे तो वह है महिलाओं के बारे में। सरकार के द्वारा इन सभी अत्याचारों को रोकने के लिए समय-समय पर अनेकों प्रयास किए जाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सब अपराध भारतीय दंड संहिता के अनुसार किस श्रेणी में आते हैं। आज हम आपको स्त्रियों पर होने वाले अत्याचारों को किस धारा के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके बारे में भी जानकारी देने वाले हैं क्योंकि अक्सर महिलाएं बच्चियां लड़कियां इन सभी को किसी ना किसी कारण से किसी भी अपराध का सामना करने को मिल सकता है। इस वजह से कानून की इन धाराओं के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
तो आज हम जिस आईपीसी की धारा के बारे में बात करने जा रहे हैं वह IPC की धारा 354 है, क्या आप जानना चाहते हैं कि IPC की धारा 354 के अंतर्गत क्या सजा मिलती है, और कितने समय तक इसकी पनिशमेंट दी जाती है, ओर किन अपराधों को इसमें शामिल किया गया है इन सभी का वर्णन विस्तार पूर्वक हम बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। IPCकी धारा 354 इन हिंदी…
Contents
धारा 354 क्या है
आईपीसी की धारा 354 के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी स्त्री की लज्जा भंग करने उस पर गलत लांछन लगाने का प्रयास करेगा उसे स्त्री पर किसी प्रकार का हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करता है तो वह व्यक्ति अपराध की श्रेणी में आता है और स्त्री पर इस तरह के आरोप की वजह से उसको 2 साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों से ही उसको दंडित किया जा सकता है।
आसान शब्दों में धारा 354 का अर्थ यह होता है कि 354 में स्त्री की लज्जा भंग करने का अर्थ होता है उस पर किया गया हमला या फिर अपराधिक बल का प्रयोग जैसी वारदातें शामिल की जाती है। जिसके अंतर्गत आरोपी को 1 साल के लिए कारावास जो कि 5 साल तक भी किया जा सकता है। और जुर्माने की सजा का भी इसमें प्रावधान बताया है। लेकिन इसमें अब अपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2013 के द्वारा धारा आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत कई उप धाराएं तैयार करके 354a 354b 354c 354d इसमे जोड़ी गई है। जो कि निम्न प्रकार से हैं..
354 A
धारा 354A के अंतर्गत अवांछनीय शारीरिक स्पर्श वह अगर क्रियाएं या फिर लैंगिक संबंधों की स्वीकृति बनाने की मांग लिया अनुरोध अश्लील साहित्य दिखाना जैसी वारदातों को शामिल किया गया है इसी तरह के लैंगिक आभासी टिप्पणियों की प्रकृति का लैंगिक उत्पीड़न भी इसमें जोड़ा गया है इसमें आरोपी को 1 साल के जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों भी किए जा सकते हैं।
354B
इस धारा के अंतर्गत किसी भी महिला को व्यवस्था करने का आशय स्त्री पर हमला उस पर अपराधिक बल का प्रयोग किया जाना शामिल है जिसमें आरोपी को कम से कम 5 साल का कारावास जो 10 साल तक भी हो सकता है इसके अलावा यह धारा गैर जमानती होती है और इसमें जुर्माना भी भरना पड़ता है।
354C
धारा 354C के अंतर्गत दृश्यरतिकता अर्थात किसी भी स्त्री को भर कर देखना इस धारा के माध्यम से किसी लड़की को कोई 15 सेकंड तक घूर कर देख लेता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है और आरोपी की जमानत भी इसमें शामिल नहीं है अर्थात आरोपी की जमानत नहीं हो सकती है।
354D
इस धारा के अंतर्गत किसी लड़कियां महिलाओं का अगर कोई व्यक्ति पीछा करता है तो उसको इसमें शामिल किया गया है अर्थात किस तरह की वारदातें इसमें शामिल है जिसके अंतर्गत आरोपी की जमानत भी नहीं हो सकती है।
354 IPC in Hindi -मिलने वाली सजा
IPC अर्थात भारतीय दंड संहिता 354 के अनुसार किसी भी स्त्री की लज्जा भंग करने का मतलब होता है उस पर किया गया हमला या अपराधिक बल का प्रयोग इस तरह की वारदातें इसमें शामिल है जिसके अंतर्गत सजा का प्रावधान भी बताया गया है कम से कम 1 से 5 साल तक का कारावास और आर्थिक दंड भी उसको दिया जाएगा यह अपराधिक गैर जमानती है और संघीय अपराध की श्रेणी में आता है और किसी भी मजिस्ट्रेट के द्वारा यह विचार नहीं है भी माना गया है और इस अपराध को समझौता करने योग्य नहीं माना जाता अर्थात इसमें किसी तरह का कोई समझौता नहीं होता है।
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IPC 354 in Hindi -वकील की आवश्यकता
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अंतर्गत आने वाला यह अपराध बहुत ही संगीन और बड़ा माना जाता है क्योंकि इस धारा में स्त्री की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से उस महिला पर अपराधिक बल का प्रयोग करना और हमला करने के लिए यह बड़े अपराध में शामिल किया जाता है इस अपराध के लिए अपराधी को धारा 354 के अंतर्गत सजा दी जाती है।
इस तरह के अपराध में आरोपी को जमानत भी मिलना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि उस को निर्दोष साबित कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी परिस्थितियों से निकलने के लिए केवल एक ही व्यक्ति है, वह वकील होता है जिसकी सहायता से वह आरोपों से शायद बच जाए इसके अलावा वकील ऐसा होना चाहिए जो इस कार्य में परफेक्ट वकील को तो आपको वह जमानत दिलवा सकता है।
किसी व्यक्ति के द्वारा किसी महिला की इज्जत को छेड़ने के उद्देश्य से उस महिला के साथ में अगर अपराधिक बल का प्रयोग किया जाता है या फिर महिला पर अपराध करने जैसे मामलों के लिए वकील भी इस क्षेत्र में निपुण होना चाहिए। धारा 354 जैसे मामलों को वह सही तरीके से सुलझा सके ताकि आपके केस जीतने के चांस अधिक बढ़ जाए क्योंकि वकील अगर रिपोर्ट नहीं होगा तो इस धारा के अंतर्गत आप को जमानत कभी नहीं मिल पाएगी।
354 IPC में जमानत
सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि यह अपराध एक गैर जमानती अपराध माना जाता है अर्थात इसका तात्पर्य यह होता है कि मैं जमानत आसानी से अपराधी को नहीं मिल पाती है कोर्ट के द्वारा ही अगर वकील सही हो तभी जमानत मिल पाती है आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत स्त्री पर हमला या उसके लज्जा भंग करने के इरादे से महिला पर अपराधिक बल का प्रयोग करने के कारण इस धारा के अंतर्गत यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा इसके अलावा यह एक प्रकृति गैर जमानती है अपराध है इसके अलावा यहां पीड़ित महिला के द्वारा यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है।
Conclusion
आज हमने इस लेख के माध्यम से आप सभी को “IPC 354 in Hindi” के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि जो भी जानकारी इस पोस्ट में आपको बतायी है वो आपको जरूर पसंद आई होंगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं और आपको हमारा यह लेख आईपीसी की धारा 354 पसंद आया तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।