आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से “Court marriage rules in Punjab 2023″ के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। भारत में कोर्ट मैरिज करने के नियम लगभग सभी जगह समान होते हैं। लेकिन कुछ नियमों में बदलाव भी होते हैं। अब आज हम यहां “Court marriage rules in Punjab” का पूरा प्रोसेस समझाने वाले हैं, आइए जानते हैं।
Contents
Court marriage rules in Punjab
हमारे देश में अनेक धर्मों के अलग-अलग जाति के लोग रहते हैं। सभी लोग अपनी अपनी रीति रिवाज को मानने वाले होते हैं। सभी धर्म और सभी की जाति के अनुसार यहां पर विवाह संपन्न होता है। लेकिन अगर कोर्ट मैरिज की बात की जाए तो हमारे यहां कोर्ट मैरिज वाली शादी बिल्कुल अलग तरह की होती है। कोर्ट मैरिज में कई बार देखा गया है कि लड़का पक्ष के लोग शादी को लेकर खुश नहीं होते हैं। इस वजह से वह लड़की से लड़के की शादी नहीं करने देते कहीं पर लड़की पक्ष के लोग राजी नहीं होते तो वह लोग शादी के लिए इंकार कर देते हैं। ऐसे में लड़का और लड़की दोनों ही एक कदम उठा लेते हैं और वह भाग कर शादी कर लेते हैं। जैसे ही घर से भाग कर शादी करते हैं तो उनको सबसे बेहतरीन ऑप्शन कोर्ट मैरिज का लगता है। अब यहां कोर्ट मैरिज करने के क्या-क्या नियम है?कोर्ट मैरिज का पूरा प्रोसेस क्या है?इसके विषय में हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं। भारत में कोर्ट मैरिज के नियम पंजाब में क्या है? क्या कोर्ट मैरिज करने के लिए वकील की भी आवश्यकता पड़ती है? कोर्ट मैरिज में क्या फीस देनी पड़ती है? सभी चीजों के बारे में यहां जानकारी देने वाले हैं।
कोर्ट मैरिज क्या होती है?
हमारे देश में कोर्ट मैरिज हिंदू विवाह शादी के लिए मैरिज एक्ट 1955 या फिर स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के अनुसार सभी तरह की शादियों का मैरिज रजिस्ट्रेशन किया जाता है। यहां पर लड़का और लड़की दोनों अपनी रजामंदी से शादी करते हैं दोनों पक्ष के माता-पिता या फिर कोई भी रिश्तेदार का सहयोग होना जरूरी है तभी कोर्ट मैरिज संपन्न होती है।
यहां पर लव मैरिज की अगर बात आती है और लड़का लड़की बिना घरवालों की रजामंदी से शादी करते हैं तो ऐसे में उनको बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती है यहां पर लड़का और लड़की दोनों मैरिज एक्ट के अंतर्गत शादी तो कर लेते हैं और उनको मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता है। कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की का बालिग होना भी जरूरी है।
Court marriage rules in Punjab 2023
आप भारत के किसी भी राज्य के निवासी हैं। आप अपने पार्टनर के साथ लव मैरिज करना चाहते हैं या फिर फैमिली की रजामंदी से अरेंज मैरिज करना चाहते हैं। उसके लिए कोर्ट मैरिज के नियमों की जानकारी होना जरूरी है। बिना कोर्ट मैरिज के नियम की जानकारी के आप कोर्ट मैरिज सही से नहीं कर पाएंगे। क्या पता आप किसी मुसीबत में भी पढ़ सकते हैं तो आइए जानते हैं पंजाब में कोर्ट मैरिज के क्या नियम होते हैं उसकी पूरी जानकारी..
लड़का लड़की का बालिग होना – पंजाब कोर्ट मैरिज में शादी करने के लिए लड़का और लड़की की उम्र 18 साल में 21 साल की होना जरूरी है अगर इससे कम की लड़का और लड़की की आयु है तो वह कोर्ट मैरिज के लिए योग नहीं होंगे अर्थात उनकी मैरिज को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दोनों का मानसिक रूप से स्वस्थ होना – लड़का और लड़की शादी करना चाहते हैं और वह भी कोर्ट के द्वारा शादी कर रहे हैं। दोनों का मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत ज्यादा जरूरी है। अगर लड़का या लड़की किसी भी तरह की मेंटली बीमारी से पीड़ित है या किसी बड़ी बीमारी का शिकार है।उसी स्थिति में कोर्ट इस तरह के विवाह को मान्यता नहीं देता है। इसीलिए दोनों का स्वस्थ होना बहुत ज्यादा जरूरी है तभी आप कोर्ट मैरिज कर सकते हैं।
मैरिज रजिस्टार के पास में आवेदन करना – आपको मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले मैरिज रजिस्टार के पास में जाकर लड़का और लड़की दोनों को आवेदन करना जरूरी होगा क्योंकि कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया आपको रजिस्ट्रार के पास से ही पूरी करनी होंगी अगर आप रजिस्टार के पास नहीं जाते हैं तो शायद इस प्रक्रिया को पूरी नहीं कर पाएंगे।
लड़का या लड़की में किसी का भी शादीशुदा ना होना
कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का या लड़की दोनों में से किसी एक का भी पहले से ही शादी करना सही नहीं होता है अगर कोई लड़का या फिर लड़की तलाकशुदा है या जिसका पति या पत्नी मर गई है तो उनको अपने इस बात के प्रमाण के डाक्यूमेंट्स लगाने जरूरी होंगे कोर्ट मैरिज में रजिस्ट्रेशन करने से पहले आपके तलाकशुदा या पति पत्नी ना होने का पूरा प्रमाण होना चाहिए।
दोनों की आपसी सहमति – कोर्ट मैरिज प्रोसेस में अगला कदम लड़का और लड़की की आपसी सहमति का होता है इसीलिए लड़का और लड़की को इस बात का भी खास ध्यान रखना होगा कि वह दोनों में से कोई भी किसी दबाव में आकर शादी ना कर रहा हो या फिर किसी धर्म के खातिर आप इस शादी को नहीं कर रहे हैं अगर आप ऐसा करते हैं तो यह कानून की नजर में एक अपराध होता है जब दोनों की शादी के लिए रजामंदी हो तभी आपको कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन करना सही है।
कोर्ट मैरिज हिंदू विवाह के अंतर्गत किसी भी रिश्तेदारी में नहीं कर सकते है। यह नियम केवल हिंदू धर्म के लोगों के लिए ही लागू किया गया है। यहां पर आप आपके रिश्ते में किसी मामा बुआ मौसी के बहन भाई से शादी नहीं कर सकते है।इसलिए शादी में लीगली सहमति होना जरूरी है।
क्या होती है कोर्ट मैरिज में वकील की भूमिका?
कोर्ट मैरिज में वकील की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसका मुख्य कारण है कि वकील को कानूनी कार्रवाई करने की पूरी जानकारी होती है वैसे आपको बता दें कि हर राज्य में कोर्ट मैरिज करने का थोड़ा तरीका अलग होता है वकील लड़का और लड़की दोनों पक्ष को सही सलाह देकर कोर्ट मैरिज के सभी नियमों की पालना करने की राय देता है वकील दोनों पक्ष को विवाह से संबंधित लीगल रजिस्ट्रेशन की सही जानकारी प्रदान करता है।
कोर्ट मैरिज के प्रोसेस को पूरा करने के लिए वकील मैरिज रजिस्टार के पास में जाकर सारी कागजी कार्रवाई को भी पूरी करता है। विवाह करने के समय को कम करवाने में भी यह मदद करता है। लेकिन इसके लिए अगर आप कोर्ट के अनुसार काम करते हैं तो उस प्रोसेस में थोड़ा लंबा समय लग जाता है।
ये भी पढ़ें,
Court Marriage Process in Hindi- कोर्ट मैरिज 1 दिन में सच या झूठ?
कोर्ट मैरिज के बाद तलाक प्रक्रिया क्या है?
किन अपराधों में नही मिलती है नौकरी
354 IPC in Hindi- धारा 354 से बचाव, धारा 354 में जमानत कैसे मिलती है
कोर्ट मैरिज के प्रोसेस को जल्दी करवाने के लिए
अगर आपको वकील की मदद से और कोर्ट मैरिज के प्रोसेस को जल्दी पूरा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको वकील को कुछ फीस देनी होगी। जिसका चार्ज आप खुद वकील से निश्चित कर ले। अगर आप वकील को कोर्ट मैरिज जल्दी करने के लिए कहते हैं तो वह आपके इस काम को और भी जल्दी तरीके से करवा पाएंगे।
इसी वजह से कोर्ट मैरिज करने में वकील का बहुत महत्वपूर्ण हाथ होता है। वह हर तरह के कानूनी दांवपेच को समझता है और काम को जल्दी से और सही तरीके से करवाने में पूरी मदद करेगा। लेकिन आपको इसके लिए उसकी फीस अलग से देनी होगी। तभी आप अपने सब कार्य को सही ढंग से पूरा कर पाएंगे।
यहां पर वकील रजिस्ट्रार के पास से मैरिज की डेट लेकर आपके तीन तीन गवाहों के साथ पूरी कागजी कार्रवाई को करता है। इस पूरे प्रोसेस में सारा काम वकील खुद कर लेता है।जब रजिस्टर के पास में मैरिज का समय आता है। तब गवाह के साथ आपको खुद को सामने जाना होगा। इस तरह से कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया को पूरा करने में वकील पूरी मदद करता है और आप खुद कानूनी विवाह को सही तरीके से संपन्न कर पाओगे।
निष्कर्ष
आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको “Court marriage rules in Punjab 2023″ के बारे में जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी जानकारी कोर्ट मैरिज रूस के बारे में प्रदान की है वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आप किसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर बने रहे और हो सके तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक लाइक शेयर कर सकते हैं। कोर्ट मैरिज से जुड़े हुए अन्य किसी सवाल के लिए आप कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके भी पूछ सकते हैं।