आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको “Court marriage process in punjab” के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप कोर्ट मैरिज प्रोसेस के बारे में जानना चाहते हैं तो हम यहां आपको पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
Court marriage process Punjab – हमारे देश में अलग-अलग जाति अलग-अलग धर्म के लोग निवास करते हैं। उन सभी के रीति रिवाज भी अलग तरीके हैं। सब अपने अपने हिसाब से शादी करते हैं। वैसे ट्रेडिशनल तरीके से शादी करना बहुत महंगा पड़ जाता है। ऐसे में बहुत से परिवार ऐसे होते हैं कि बहुत ज्यादा सिंपल तरीके से शादी करना पसंद करते हैं। कई बार लड़के वालों की डिमांड की वजह से तो लड़की वाले भी शादी से इंकार कर देते हैं। कुछ कारण ऐसे हो जाते हैं जिनमें लड़का लड़की को भगाकर ले जाता है और मंदिर में ले जाकर शादी कर लेता है या फिर कोर्ट मैरिज का सहारा लेता है।
आजकल अधिकतर लोग कोर्ट मैरिज करना ज्यादा बेहतरीन ऑप्शन समझते हैं। कानूनी रूप से पति पत्नी बनने के लिए कोर्ट मैरिज एक सही उपाय है। कोर्ट मैरिज लंबे समय तक चलने वाले शादी के रीति-रिवाजों से भी व्यक्ति को बचाता है। बल्कि सस्ते में कानूनी रूप से लड़का और लड़की को पति पत्नी का दर्जा भी दिलवा देता है।
कोर्ट मैरिज का नाम सुनकर कई तरह के दिमाग में सवाल आ जाते हैं कि आखिर कोर्ट मैरिज की तरह से करते हैं। कोर्ट में इसका प्रोसेस क्या है? कोर्ट मैरिज में किन-किन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है? तो आपके इन्हीं सब सवालों के जवाब हम यहां इस लेख के माध्यम से देने वाले हैं। ताकि आपको कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया Court marriage process in Punjab को समझने में आसानी हो। आइए फिर बिना देरी के जानते हैं कोर्ट मैरिज करने के लिए पंजाब में क्या प्रोसेस है और उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी इस लेख के माध्यम से आप सभी के लिए, आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
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Court marriage process in Punjab
आज के समय में लोगों ने इस शादी को लेकर अपना नजरिया थोड़ा बदल दिया है। बहुत से लोग तो एक बड़े लेवल पर शादी करना पसंद करते हैं लेकिन अधिकतर लोगों की सोच बहुत सिंपल शादी की हो गई है। सिंपल शादी का अर्थ है कि लड़का लड़की की शादी मंदिर में या फिर कोर्ट में जाकर रजिस्टर करवाना सही समझते हैं। इस तरह की मैरिज में बहुत कम खर्चा होता है। और कानूनी रूप से भी लड़का और लड़की पति-पत्नी कहलाते हैं। साधारण शब्दों में अगर कहे तो आजकल लोगों को शांतिपूर्ण शादी जो कि बिना खर्चे के हो जाए और उसमें पति-पत्नी का दर्जा कानूनी रूप से मिल जाए तो लड़का और लड़की कोर्ट मैरिज करना ही ज्यादा पसंद करते हैं।
कोर्ट मैरिज की शादियां विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत की जाती है। जिसमें कि सभी धर्म अलग-अलग जाति के लड़के से लड़की कोर्ट में जाकर विवाह कर सकते हैं। कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की का बाल होना जरूरी है। इसके अलावा कोर्ट मैरिज के सभी नियम कानून की जानकारी हो। तब जाकर आप कोर्ट मैरिज कर सकते हैं।कोर्ट मैरिज करने के लिए आपको आवेदन रजिस्टार के पास में जाकर आवेदन करना होगा। उसके बाद में लड़का और लड़की के साथ तीन गवाह को विवाह अधिकारी के पास में जाकर एक घोषणा पत्र पर अपने साइन करने होते हैं। इसके लिए 500 से 1000 रुपए तक का चार्ज भी लग जाता है और अगर कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी पड़ जाती हैं तो उनमें यह खर्चा भी बढ़ जाता है। यहां पर वकील हायर करने के चार्ज अलग होते हैं। हर परिस्थिति के अनुसार आपको कुछ पैसे तो खर्च करने ही होंगे। तब जाकर आपकी मैरिज कोर्ट में रजिस्टर हो जाएगी। और आप कानूनी रूप से पति पत्नी हो जाओगे।
कोर्ट मैरिज करने के नियम
अगर लड़का और लड़की कोर्ट मैरिज करने वाले हैं तो उनको कोर्ट मैरिज के नियम की जानकारी होनी चाहिए। और उनका पालन भी करना दोनों के लिए जरूरी होता है। तभी जाकर रजिस्ट्रार के पास में हो शादी कर सकते हैं। कोर्ट मैरिज के नियम इस प्रकार है।
- कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की कि पहले से शादी ना हुई हो अर्थात दोनों कुंवारे होने चाहिए।
- लड़का और लड़की की उम्र 18 साल में 21 साल की होनी जरूरी है
- कोर्ट मैरिज करने हेतु दोनों की मानसिक स्थित भी सही रहनी चाहिए।
- लड़का और लड़की दोनों शारीरिक रूप से संतान उत्पत्ति करने में भी सक्षम हो।
- लड़का और लड़की अपनी शादी किसी भी रिश्तेदारी या नहीं बुआ बहन मौसी मामा के लड़के या लड़की के साथ नहीं कर सकते यह नियम केवल हिंदू धर्म के लिए ही लागू किया गया है।
- लड़का या लड़की दोनों में से कोई एक शादीशुदा है और उसका पति या पत्नी मर गया है या फिर छोड़ दिया है तो उसका प्रमाण होना जरूरी है।
Court Marriage Fees in Punjab
कोर्ट मैरिज करने के लिए विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत लड़का और लड़की शादी करना चाहते हैं। उनको अपने जगह से संबंधित जिला के अधिकारी के पास में एक लिखित में सूचना देनी होगी। उसे लिखित सूचना को देने के बाद 30 दिन के अंदर अगर लड़का लड़की में से कोई भी शादी के खिलाफ किसी तरह की कोई आपत्ति दर्ज करवाता है तो शादी नहीं होगी। अगर दोनों को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है तो 30 दिन के बाद में कोर्ट में फीस जमा करवाकर कोर्ट मैरिज कर सकते हैं।
Court marriage fees in Ludhiana, Court marriage fees in Chandigarh, Jalandhar, Bathinda, Ferozepur, Barnala, Moga: वैसे आपको बता देना चाहते हैं कि कोर्ट मैरिज करने के लिए हर जगह की अलग अलग चीज होती है। वैसे न्यूनतम की कोर्ट मैरिज करने के लिए हजार रुपए की रखी गई है। लेकिन बहुत सी औपचारिकता है और कुछ ऐसी विषम परिस्थितियां होती है, जिनके लिए बिना वकील की मदद से आप इस पूरे काम को संपन्न नहीं कर सकते हैं। उसके लिए वकील की फीस अंदाजन 10000 से 15000 तक हो सकती है।
कोर्ट मैरिज करने का प्रोसेस क्या है
1.कोर्ट मैरिज करने का प्रोसेस पूरा करने के लिए सबसे पहले लड़का और लड़की को अपने जिले से संबंधित विवाह अधिकारी को लिखित में नोटिस देना होगा और यह नोटिस खुद आवेदन करता को लिखना होगा कि वह दोनों अपनी रजामंदी से शादी करना चाहते हैं। जिस जिले में वह रहते हैं उस जगह पर कम से कम 1 महीने से अधिक समय पहले से वो लोग वहां रह रहे है।
- रजिस्टर के पास में जब आप नोटिस देते हैं तो उसकी एक कॉपी को आपको कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर भी लगानी होगी।
- अगर लड़का और लड़की में से किसी को भी अपनी कोर्ट मैरिज से आपत्ति है तो 30 दिन के अंदर आप रजिस्ट्रार के पास में जाकर आपत्ति भी जता सकते हैं।
- रजिस्ट्रार को लगता है कि आपके द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं तो वह आपके कोर्ट मैरिज करने की प्रक्रिया को खत्म कर देगा ऐसा नहीं होता है तो शादी की प्रक्रिया को आगे ले जाकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है।
- लड़का और लड़की के पास में यह अधिकार होता है कि वह रजिस्ट्रार के द्वारा आपत्ति को स्वीकार करने के बाद में भी जिला कोर्ट में अपनी अपील दायर कर सकता है। यहां पर एक शर्त रखी जाती है कि इस अपील पर आपत्ति जताने के बाद आपको इस प्रक्रिया को 30 दिन के अंदर ही करना होगा।
- कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की और साथ में गवाहों को भी रजिस्टर के पास में जाकर एक घोषणापत्र पर साइन करने होते हैं। उस घोषणापत्र में यह लिखा होता है कि दोनों अपनी मर्जी से बिना किसी दबाव के शादी कर रहे हैं।
- सेक्सन-12 के अनुसार कोर्ट मैरिज रजिस्टर के ऑफिस में या फिर किसी भी पास के स्थान पर हो सकती है। कोर्ट मैरिज करने के लिए एक निर्धारित फीस भी तय करके रखी गई है। शादी पूरी होने के बाद में रजिस्ट्रार सभी जानकारियों को मैरिज सर्टिफिकेट में भरकर उसको जारी कर देता है।
1 Day Court Marriage Process in Punjab
हम ने आपको बताया कि कोर्ट मैरिज करने का प्रोसेस में लगभग 1 महीने का समय लग जाता है। तब जाकर कोर्ट मैरिज पूरी होती है। लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती है जैसे आप किसी मंदिर या गुरुद्वारे में शादी कर लेते हैं या फिर आप शादी कर रहे हैं तो आपके फैमिली वाले आप के खिलाफ है।उन सभी से बचाव के लिए आप अपनी कोर्ट मैरिज को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? और आप खुद को भी कैसे सुरक्षित बचा सकते हैं? इसके लिए आपको एक वकील की मदद लेनी होगी। बिना वकील की सहायता के आप इन परिस्थितियों से नहीं निकल सकते हैं।
अगर आपने पहले से मंदिर में शादी कर ली है। उसके बाद आपको कोर्ट मैरिज रजिस्टर्ड करवानी है तो इसके लिए आपको अपने अभी डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी साथ रखनी होगी। एक एप्लीकेशन फॉर्म को जमा करवाकर रजिस्टार ऑफिस के पास भेजना होगा। इन सब के लिए आपको एक अच्छे वकील की आवश्यकता होगी। जिसका चार्ज आपको अलग से देना होगा। जब आप अपनी एप्लीकेशन को रजिस्ट्रार के पास में जमा कर देते हैं तो वहां से एक Marriage Certificate मिल जायेगा।
आपकी शादी को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं है तो उसकी स्थिति में आप कोर्ट मैरिज कर सकते हो। लेकिन इसमें लंबा प्रोसेस लगता है लेकिन आप अगर 1 दिन में कोर्ट मैरिज रजिस्टर करवाना चाहते हो तो उसके लिए थोड़ा चार्ज आपको ज्यादा देना होगा और आपकी मैरिज आसानी से रजिस्टर हो जाएगी।
आप हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं आपने किसी मंदिर या गुरुद्वारे में शादी कर ली है तो वहां से आपको इस सर्टिफिकेट बनवाना होगा और वह रजिस्टार के ऑफिस में जमा करवाना होगा।तब जाकर आपको 1 दिन में रजिस्टार ऑफिस से मैरिज का सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
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कोर्ट मैरिज के प्रोसेस को पूरा करने के लिए वकील की भूमिका
कोर्ट मैरिज के प्रोसेस को पूरा करने के लिए वकील की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि बिना वकील के आप कोर्ट मैरिज को नहीं कर सकते हैं। वैसे तो बहुत कम ऐसा होता है जहां पर लड़के और लड़की के परिवार वाले कोर्ट मैरिज को रजामंदी देते हैं। इसीलिए कुछ ऐसे हालात लड़का और लड़की के समक्ष बन जाते हैं। जिन से बचने के लिए वकील का होना बहुत जरूरी है। अगर आपने किसी मंदिर में शादी कर ली है या कहीं गुरुद्वारे पर शादी कर ली है। ऐसे में आप अपनी शादी को कोर्ट में रजिस्टर करवाना चाहते हैं तो यहां आपको वकील की आवश्यकता पड़ेगी ही। जिसके लिए आपको वकील की फीस अंदाजन 15 से ₹20000 तक देना पड़ेगा। तब जाकर शादी संपन्न हो पाएगी।
दूसरी तरफ अगर लड़का और लड़की शादी के लिए राजी है और उसके घर परिवार वाले शादी ना करने का दबाव बना रहे हैं या फिर धमकी दे रहे हैं। ऐसे में आपको वकील की सहायता से अपने आप को प्रोटेक्शन लेना होगा। क्योंकि एक वकील ही ऐसा होता है जो आपको इस तरह की परिस्थितियों से निकाल सकता है। आप कानूनी रूप से सुरक्षित भी रह पाओगे।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको “Court marriage process in punjab” के बारे में जानकारी प्रदान किए हैं हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी जानकारी इस लेख के माध्यम से दी है वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आपको इस लेख से संबंधित किसी भी अन्य जानकारी के विषय में जानना है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।